लोकसभा चुनाव में पहले चरण की सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है इसी बीच भाजपा और आरएसएस के साझे चुनावी सर्वे की एक रिपोर्ट वायरल हो रही है।
कल से ही वायरल इस सर्वे रिपोर्ट ने लोगों को एक नया बहस का मुद्दा दे दिया है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में इस वायरल रिपोर्ट की चर्चा जोरों पर है।
वायरल रिपोर्ट को देखकर ऐसा लगता है कि भाजपा अपने 400 पार के नारे को दुहरा पाने में काफी दूर कड़ी है लेकिन कई प्रदेशों में विपक्ष शून्य पर खड़ा नजर आ रहा है।
अभी भी यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि यह रिपोर्ट किसने जारी की या कैसे लीक हुई? लेकिन इण्डिया गठबंधन से लेकर एनडीए के नेताओं के बीच इस रिपोर्ट की चर्चा जोरों पर है।
भारत में लम्बे समय से सीनियर चुनावी भविष्यवक्ता योगेन्द्र यादव ने यह रिपोर्ट अपने एक्स पर शेयर करते हुए लिखा, ‘कई दोस्तों ने मुझे इस (तथाकथित RSS वाले) और दूसरे सर्वे पर अपनी राय देने को कहा है। मैं नहीं जानता यह किसने करवाया है। यूँ भी मुझे अब चुनावी भविष्यवाणी में दिलचस्पी नहीं है। मुझे भविष्य बताने की बजाय भविष्य बनाने में दिलचस्पी है। संभावनाओं का आँकलन करने में रुचि है, ताकि उसे हक़ीक़त में बदला जा सके।’
कई दोस्तों ने मुझे इस (तथाकथित RSS वाले) और दूसरे सर्वे पर अपनी राय देने को कहा है। मैं नहीं जानता यह किसने करवाया है। यूँ भी मुझे अब चुनावी भविष्यवाणी में दिलचस्पी नहीं है। मुझे भविष्य बताने की बजाय भविष्य बनाने में दिलचस्पी है। संभावनाओं का आँकलन करने में रुचि है, ताकि उसे… pic.twitter.com/A234ryoOKN
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) April 3, 2024
सर्वे रिपोर्ट में किस प्रदेश में भाजपा को कितनी सीटें?
रिपोर्ट आंध्र प्रदेश का अनुमान सबसे ऊपर है जिसमें कुल 25 सीटों में भाजपा को जीरो सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं अरुणांचल प्रदेश की दो सीटों में एक सीट भाजपा को मिलने का अनुमान जताया गया है।
असम में कुल 14 सीटों में 7 सीटें और बिहार की कुल 40 सीटों में 9 सीटें भाजपा के खाते में जाने का अनुमान लगाया गया है। शुरुआत से ही बिहार को लेकर भाजपा संकट में नजर आती रही है लेकिन नीतीश से दुबारा गठबंधन के बाद भी बहुत बेहतर स्थिति में नजर नहीं आ रही है। जिसे हम इस सर्वे रिपोर्ट में भी देख सकते हैं।
छत्तीसगढ़ और झारखण्ड में भाजपा पहले से मजबूत स्थिति में रही है लेकिन इस बार आदिवासी वोट भाजपा के खाते से खिसकने की चर्चा तेज है। जहाँ एक तरफ झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद आदिवासी समुदाय में भाजपा के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है।
वहीं दूसरी ओर बस्तर में बढ़ते आदिवासी उत्पीडन और हसदेव जंगल की कटाई से आदिवासी समुदाय नाराज नजर आ रहे हैं। यदि इस दोनों आदिवासी बाहुल्य राज्यों में आदिवासी भाजपा के खिलाफ वोट करते हैं तो निश्चित तौर पर भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वायरल सर्वे रिपोर्ट में भाजपा के छत्तीसगढ़ की कुल 11 सीटों में 6 सीटों पर जीतने का अनुमान लगाया गया है और झारखण्ड की कुल कुल 14 सीटों में मात्र 6 सीटों पर भाजपा के जीतने का अनुमान लगाया गया है।
इसी तरह हिमाचल में 2, गोवा में 01, कर्नाटका में 6, मणिपुर में शून्य, मिजोरम में शून्य, नागालैंड में शून्य, पंजाब में 2, लद्दाख में शून्य, लक्षद्वीप में शून्य, पुद्दुचेरी में शून्य, अंडमान और निकोबार में शून्य, सिक्किम में शून्य, चंडीगढ़ में शून्य सीटें भाजपा को मिलने का अनुमान लगाया गया है।
हिंदी बेल्ट में भाजपा मजबूत?
इस वायरल सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भाजपा हिंदी बेल्ट में बेहतर करती नजर आ रही है। वहीं बिहार में एनडीए गठबंधन को मात्र 9 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि यदि यह भाजपा की सर्वे रिपोर्ट है तो भाजपा 400 पार का दावा कैसे ठोक रही है।
बिहार की कुल 40 सीटों में एनडीए को 9 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। जबकि भाजपा बिहार में इस समय नीतीश कुमार यानी जेडीयू गठबंधन में है।
वायरल सर्वे रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की कुल 80 सीटों में 65 भाजपा को मिलने का अनुमान लगाया गया है। बगल के मध्य प्रदेश की कुल 29 सीटों में 24 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में राजस्थान की कुल 25 सीटों में 16 सीटें भाजपा को मिलने का अनुमान है। मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों राज्य कांग्रेस शासित राज्य थे जहाँ भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले जीत दर्ज की।
इसी तरह आरएसएस और भाजपा के साझे सर्वे में हिंदी बेल्ट में भाजपा बढ़त में नजर तो आती है लेकिन बहुमत के आंकड़े से दूर ही रह जाती है। सर्वे रिपोर्ट में 543 सीटों में भाजपा के मात्र 214 सीटों पर जीतने का अनुमान लगाया गया है।
यदि यह आरएसएस और भाजपा की सर्वे रिपोर्ट है तो भाजपा के लिए इस बार राह आसान नहीं रहने वाली है। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी भले ही ‘मोदी सरकार तीसरी बार’ या ‘इस बार 400 पार’ का नारा दे रहे हों लेकिन वायरल आरएसएस-भाजपा की आन्तरिक सर्वे रिपोर्ट फ़िलहाल दिल्ली दूर होने का संकेत दे रही है।
सर्वे रिपोर्ट सच है या फेक इस सन्दर्भ में हमने भाजपा के कई नेताओं से बात करने की कोशिश की लेकिन सभी नेताओं ने जानकारी न होने का हवाला दिया है।
आरएसएस से जुड़े एक भाजपा नेता नाम न छपने की शर्त पर कहते हैं कि अब पार्टी में कार्यकर्ताओं की भूमिका सिर्फ नारा लगाने और दरी बिछाने की रह गई है। सर्वे और रिपोर्ट यह सब ऊपर से होने वाला खेल है।
वे रिपोर्ट के संदर्भ में आगे कहते हैं, ‘मैंने भी यह सर्वे रिपोर्ट देखा, इसमें बहुत हद तक सीटों का सही अवलोकन किया गया है. बाकी सही चीजें तो परिणाम आने के बाद ही पता चल सकती हैं।’