इंग्लैण्ड से आयी हुयी प्रशिक्षिका मेरी स्टीवेंस ने आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए, शिविर के के दौरान बालिकाएं अपनी सुरक्षा को लेकर जानकारी प्राप्त कर व प्रशिक्षण प्राप्त कर काफी उत्साहित नजर आई। अपनी सुरक्षा को लेकर बालिकाएं इस प्रकार प्रशिक्षण बार बार प्राप्त करने को आतुर होती नजर आई। प्रशिक्षकों की और से काओं को किक, पंच, लोअर किक, मिडिल किक, अपर किक, सीजर किक के बारे में बताया, इसके अलावा एक बालिका का किसी व्यक्ति द्वारा गला पकडऩे पर अपने आप को छुड़ाने, पीछे से पकडऩे पर अपने आप को छुड़ाने के गुर सिखाने के साथ ही पंच करने के तरीके भी बताए।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयोजक ने अजय पटेल ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी बालिकाएं अपने अपने जिले और क्षेत्र में स्कूली बच्चियों को प्रशिक्षित करने के लिए नियमित कार्यक्रम संचालित करेंगी।
आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिलाने का उद्देश्य उन्हें आत्मनिर्भर व आत्मविश्वासी बनाना है जिससे किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थिती होने पर वे अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें।
शिविर का समापन सत्र जूनियर हाई स्कूल भंदहा कला में किया गया जिसमें विद्यालय की बालिकाओं के समक्ष आत्मरक्षा के तरीकों की प्रस्तुति की गयी।
कार्यक्रम के आयोजन में प्रमुख रूप से प्रदीप सिंह, प्रीति, नगमे इरम खान, दिव्या पाण्डेय, महेश पाण्डेय, दीन दयाल सिंह, सूरज पाण्डेय, रमेश प्रसाद आदि का विशेष सहयोग रहा।