बहराइच। बहराइच जिले के महसी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुरेश्वर सिंह को अदालत ने दो साल की सजा और ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मामला आज से 21 वर्ष पहले दो सितंबर 2002 का है, जब सुरेश्वर सिंह ने महसी तहसील के उप जिलाधिकारी लालमणि मिश्र के एसडीएम कार्यलाय में घुसकर उनके साथ दुर्व्यवहार करते हुए सरकारी काम में रुकावट डालते हुए धमकी दी थी। जिसके बाद विधायक सुरेश्वर सिंह के खिलाफ हरदी थाने में मामला दर्ज कराया गया था।
21 वर्ष बाद इस मामले में बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह को सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत ने एसडीएम को धमकी देने वाले मामले में दो साल की जेल और ढाई हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई। जुर्माना अदा नहीं करने पर सात दिन की अतिरिक्त कैद भुगतना होगा।
चार जनवरी को आए इस निर्णय की कॉपी पाँच जनवरी को उपलब्ध हुई। सरकारी वकील मन्नू लाल मिश्र ने बताया कि सजा सुनाए जाने के बाद विधायक को इस दिए गए फैसले के जमानत दे दी गई है ताकि वे इस फैसले के खिलाफ अपील दायर कार सकें।
सजा सुनाए जाने के दिन से ही विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया गया।
जन प्रतिनिधि अधिनियम 1951 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार दो साल या उससे अधिक की कैद की सजा पाने वाले सांसद और विधायक को सजा घोषित होने वाली तिथि से ही अयोग्य करार दिया जाता है। साथ ही सजा खत्म होने के छः साल तक चुनाव लड़ने पर रोक रहती है।
किसी न किसी मामले में सजा पाए विधायक और सांसदों में यह पहला नाम नहीं है बल्कि इस सूची में अनेक संसद और विधायक हैं, जिन्हें कैद की सजा सुनाई गई और वे अयोग्य घोषित हुए।
अभी 15 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के दुद्धी के बीजेपी के विधायक रामदुलार गोंड को बलात्कार के एक मामले में सजा सुनाई गई और 23 दिसंबर को विधायकी से अयोग्य घोषित किया गया।
रामपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान पर नफरत भरे भाषण देने के मामले में अक्टूबर 2022 में सजा ससुनाई गई और उन्हें अयोग्य घोषित किया गया।
विधायक अब्दुल्ला आजम खान को सरकारी काम में रुकावट डालने और धरना-प्रदर्शन के मामले में फरवरी 2023 में विधानसभा सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया। अब्दुल्ला आजम, आजम खान के बेटे हैं और स्वार से जनप्रतिनिधि चुने गए थे।
मुजफ्फरनगर के खतौली के भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को अक्टूबर 2022 से उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उन्हें अदालत ने वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगे से जुड़े मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
उन्नाव के दलित लड़की के साथ बलात्कार का मामले का पता पूरे देश को है। इस बलात्कार कांड में दोषी उन्नाव के बांगरमऊ निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर था, जिसे वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। लेकिन बीजेपी ने पहले ही उसे अपनी पार्टी से निष्काषित कर दिया था।
गाजीपुर के बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर्स मामले में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन जुलाई 2023 में जमानत पर रिहा किया गया और दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा को सशर्त निलंबित कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने सांसद अफजाल अंसारी को लोकसभा में वोट नहीं डालने और कोई भी भत्ता न लेने की शर्त लागू की है। लेकिन लोकसभा की कार्यवाही में भाग लए सकते हैं।
अयोध्या जिले के गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को फर्जी अंक पत्र मामले में अदालत द्वारा दोषी पाए जाने के बाद सजा होने पर इन्हें अयोग्य घोषित किया गया।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के बीजेपी अशोक चंदेल को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा होनेके बाद विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया।