Thursday, April 18, 2024
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राहुल गांधी की अमेठी यात्रा मैं उमड़ा जनसैलाब हार का प्रायश्चित है क्या ? कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, 2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद दूसरी बार अपने पारंपरिक संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंचे ! राहुल गांधी के स्वागत के लिए और उनकी एक झलक देखने के लिए सारा अमेठी लोकसभा क्षेत्र उमड़ […]

राहुल गांधी की अमेठी यात्रा मैं उमड़ा जनसैलाब हार का प्रायश्चित है क्या ?
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, 2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद दूसरी बार अपने पारंपरिक संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंचे ! राहुल गांधी के स्वागत के लिए और उनकी एक झलक देखने के लिए सारा अमेठी लोकसभा क्षेत्र उमड़ पड़ा।
भाव विभोर जनसैलाब में से 2019 में राहुल गांधी की हार पर एक शब्द सुनाई दिया की, ‘हमें तो अपनों ने डुबोया, गैरों में कहां दम था’  भले ही अमेठी से आज भाजपा नेता स्मृति ईरानी सांसद हैं, मगर अमेठी की जनता का दिल आज भी राहुल गांधी के लिए धड़कता है, इसका प्रमाण 18 दिसंबर को देखने को मिला जब अमेठी की जनता भाव विभोर होकर जनसैलाब के रूप में राहुल गांधी को देखने और सुनने निकली, जनसैलाब को देखकर लग रहा था कि जनता राहुल गांधी और देश को बता रही थी की 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को हराना उनकी बड़ी भूल थी।
जनता हार पर प्रायश्चित कर कह रही थी कि, राहुल गांधी चुनाव हारे नहीं थे बल्कि उन्हें अपनों ने चुनाव हराया, भाजपा धन और बल की दम पर चुनाव जीती ।
यूं तो अमेठी और रायबरेली गांधी परिवार और कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, मगर दोनों लोकसभा क्षेत्र की एक सच्चाई यह भी है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और गांधी परिवार के गढ़ मजबूत दिखाई देते हैं, मगर विधानसभा चुनाव में गढ़ की दीवारों मैं दरारें नजर आती है। जिसका बखान 16 दिसंबर को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी किया था की समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं करती है लेकिन विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करती है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का गढ़ मजबूत और विधानसभा चुनाव में गढ़ में दरारें क्यों? क्या यह कांग्रेस की भूल है या फिर राजनैतिक रणनीति? लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का गढ़ मजबूत और विधानसभा चुनाव में गढ़ कमजोर, यह यदि कांग्रेस की राजनैतिक रणनीति है तो यही कांग्रेस की सबसे बड़ी भूल थी जिसका खामियाजा राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव मे भूगता। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गढ़ की दरारों का फायदा उठाते हुए, 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गढ़ को ढाया था।
कांग्रेस ने अपने गढ़ की सुरक्षा के लिए जिन सेनापतियों को लगा रखा था, वही सेनापति जयचंद वन गए थे क्या? अमेठी की जनता और कार्यकर्ता इस और इशारा करते हुए दिखाई दे रहे हैं कि जिन लोगों को कांग्रेस के गढ़ की सुरक्षा का काम दिया था वह लोग गढ़ की सुरक्षा करने में खरे नहीं उतरे परिणाम यह निकला कि राहुल गांधी लोकसभा का चुनाव हार गए।
भले ही कांग्रेस 2019 में अपने गढ़ में हार गई मगर जनता को इसका मलाल आज भी है और जनता हार पर प्रायश्चित करती नजर आ रही है, क्या अमेठी की जनता का प्रायश्चित तब होगा जब वह विधानसभा चुनाव मैं कॉन्ग्रेस के गढ़ की दरारों को भरकर 2024 में एक बार फिर से कांग्रेस के गढ़ को मजबूत करेगी।
क्योंकि इस बार गढ़ की सुरक्षा के लिए स्वयं श्रीमती प्रियंका गांधी तैनात हैं।

 देवेंद्र यादव कोटा स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं। 

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