बिहार के नवादा में घटी घटना आज भी जातीय भेदभाव को प्रदर्शित करती है। जब बीजेपी और आरएसएस जैसे संगठन हिन्दू एकता का नारा लगाते है तो वे इस तरह दलित उत्पीड़न पर मौन क्यों है? जातिगत उत्पीड़न और पूंजीवादी शोषण आपस में गहरे जुड़े हुए हैं। जब तक ऐसी जातिगत व्यवस्था को चुनौती नहीं दी जाएगी तब तक शोषण जारी रहेगा ।
सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाओं के बजट में दिव्यांगों के लिए पिछले साल की तुलना में इस वर्ष वृद्धि की है। लेकिन जितना बजट घोषित किया है, वह पर्याप्त नहीं है। जबकि इस वर्ग को सामान्य लोगों की अपेक्षा ज्यादा सहायता की जरूरत होती है। सरकार को चाहिए कि ऐसी योजनाएँ लागू करें जिससे यह आत्मनिर्भर हो अपना जीवन बिता सकें।
केंद्रीय बजट 2024-25 में भी कृषि और किसानों का विशेष ध्यान रखते हुए कई नई घोषणाएं कर कृषि और इससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए प्रावधान किया गया है। लेकिन कृषि समस्याओं और जरूरतों को देखते हुए यह पर्याप्त नहीं है। बीज और खाद की बढ़ी हुई कीमत के साथ सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण आने वाली पीढ़ी खेती-किसानी का काम नहीं करना चाह रही है। साथ ही बजट में हुई घोषणाएँ सीमांत किसान तक पहुँच पाएँ, ऐसी व्यवस्था की जानी जरूरी है।
अकसर लोगों की शिकायत होती है कि सड़क सही नहीं है, गाड़ियां आने-जाने में दिक्कत होती है लेकिन गया ज़िले का कैशापी पुरानी डिह गांव में सड़क तो बनकर तैयार हैं लेकिन उस गाँव तक पहुंचने के लिए उचित संसाधन और परिवहन नही पहुँच पा रहे हैं।
पहले इस गांव की महिलाओं की स्थिति बद से बदतर थी। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि वे कैसे अपना घर परिवार चलाएं। लेकिन आत्मा नामक संस्था से मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लेने के बाद आज इस गांव की महिलाएं बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत हुई थी तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि इसका इतना व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा। उचला गाँव के हर घर में लगभग शौचालय बन गया है। गाँव की सफाई के लिए सुपरवाइज़र और एक सफाई कर्मचारी की नियुक्ति भी की गई है। स्वच्छ भारत मुहिम के चलते ही उचला गाँव आज स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त की ओर अग्रसर है।
हमारे देश की एक बड़ी आबादी आज भी ऐसी है जो शहरों और महानगरों में आबाद है। लेकिन वहां शहर के अन्य इलाकों की तरह सुविधाओं का अभाव होता है। सरकार की ओर से इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को पीने का साफ पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को की गई थी जिसका मकसद जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी गैस को बढ़ावा देना, महिला सशक्तीकरण के साथ ही उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा करना आदि भी रहा है, लेकिन आज यह योजना महंगी गैस के चलते फ्लॉप होती जा रही है। बिहार के मुज़फ्फ़रपुर जिले के साहेबगंज प्रखंड के कई गाँवों में महिलाओं ने कहा कि महंगी गैस के चलते वे चूल्हे पर खाना बनाने लगी हैं।
पूरे देश में खेती करने वाले किसानों का खस्ताहाल है। सरकारी सुविधा से न तो उन्हें बीज उपलब्ध हो पाता है न खाद और न ही बाजार। ऐसे में किसान उत्पादित फसल को औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हो जाता है या फिर अपना पुश्तैनी काम छोडकर किसी दूसरे काम को करते हुए बामुश्किल अपनी जीविका चला पाता है। बिहार के किशनगंज से रेशम की खेती करने वाले किसानों की जमीनी हकीकत की पड़ताल करती यह रिपोर्ट
शिवानी कहती हैं, ‘शहरों में तो काम करने के अनेकों मौके हैं और करिअर ग्रोथ भी काफी अच्छा है, पर अगर हर कोई यही सोच कर शहर का रुख करने लगे, तब तो गाँव खाली हो जायेंगे। फिर गांव का विकास कैसे होगा?’
लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना जारी होने के बाद, सभी राजनैतिक दल अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर रहे हैं, इसी क्रम में आज बिहार में जनता दल(यूनाइटेड) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने 16 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।
बिहार की रैली में जिस बड़े पैमाने पर समाजवादी और साम्यवादी संगठनों के लोग मौजूद थे और गांधी मैदान में कहीं हरे झंडे तो कहीं लाल झंडे एक दूसरे से होड़ कर रहे थे, उससे यह भी लगता है कि देश का पूर्वी हिस्सा भारत के पश्चिमी तट पर केंद्रित कॉर्पोरेट और हिंदुत्व की सत्ता के आगे समर्पण के लिए तैयार नहीं है।
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित एक ‘विशाल’ रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अखिल भारत कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी जैसे प्रमुख विपक्षी नेता मौजूद थे। जहां से सभी ने विशाल जनसभा को संबोधित किया।
देश के साथ ही बिहार में शिक्षा का स्तर यदि बढ़ाना है तो इसमें सभी वर्गों के लोगों को समान अवसर देना होगा, तभी एक स्वस्थ समाज का विकास होगा और समाज आगे बढ़ेगा।
बिहार के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया, ‘भाजपा प्रलोभन देकर अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के माध्यम से धमकियां भी दी जा रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी अपने विधायकों को तोड़े जाने की निंदा करती है।
बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले जद यू ने विधायको व्हिप जारी किया। उल्लंघन करने पर सदस्यता चली जाएगी। दूसरी राजद ने कहा है कि जद यू विधायकों को अंतरात्मा की आवाज़ पर वोट करने दे।