Saturday, October 25, 2025
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आरएसएस ने भारत की आजादी में हिस्सा लेते हुए कौन सी कुर्बानियाँ दीं

आरएसएस के सौ वर्ष पूरे होने पर मोदी ने अपने भाषण में कहा कि देश की आजादी के लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दीं और चिमूर जैसे कई स्थानों पर ब्रिटिश शासन का विरोध भी किया। उनके अनुसार राष्ट्र निर्माण में संघ का जबरदस्त योगदान है। लेकिन संघ का राष्ट्रवाद ‘अलग‘ था यह तब स्पष्ट हुआ जब पंडित नेहरू ने 26 जनवरी, 1930 को तिरंगा फहराने का आव्हान किया। हेडगेवार ने भी झंडा फहराने का आव्हान किया, किंतु भगवा झंडा फहराने का। हेडगेवार नमक सत्याग्रह में शामिल हुए थे क्योंकि उन्हें लगा कि यह जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानियों को अपने संगठन की ओर आकर्षित करने का एक अच्छा अवसर है। इसलिए उन्होंने सरसंघचालक के पद से इस्तीफा दिया, जेल गए और जेल से रिहा होने के बाद दुबारा वही पद ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने अन्य लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के प्रति हतोत्साहित किया। एक संगठन के रूप में आरएसएस ने किसी भी ब्रिटिश विरोधी आंदोलन में भाग नहीं लिया।

राजस्थान : माहवारी के लिए सुविधा की सरकारी योजनाओं से वंचित हैं लड़कियां

माहवारी से जुड़ी चुनौतियाँ केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं हैं बल्कि यह सीधे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समानता से जुड़ा मुद्दा है। जब लड़कियाँ पैड की कमी के कारण पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर होती हैं, तो यह केवल उनका नुकसान नहीं बल्कि पूरे समाज का नुकसान है। सरकार और समाज यदि मिलकर सुनिश्चित करें कि हर गाँव में पैड और स्वच्छता सुविधाएँ समय पर उपलब्ध हों, तो लाखों लड़कियों का जीवन आसान हो सकता है

‘अडानी भगाओ छत्तीसगढ़ बचाओ’ के नारे के साथ संयुक्त किसान मोर्चा ने मनाया कॉर्पोरेट विरोधी दिवस

किसान मोर्चा के नेताओं नेअपने विरोध प्रदर्शन में कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार को अपनी कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों के विरोध में आम जनता और किसान समुदाय का तीखा विरोध झेलना पड़ेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा की मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में किसानों और आदिवासियों को लामबंद करने की योजना बनाते हुए आज कॉर्पोरेट विरोधी दिवस मनाया गया।

राजस्थान : केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना से भी नहीं हुई धुआँ मुक्त रसोई

2016 में केंद्र सरकार की शुरू की गई उज्ज्वला योजना के बड़े-बड़े होर्डिंग में लाभार्थियों के आँकड़े करोड़ों में दिखते हैं लेकिन जमीनी वास्तविकता कुछ और ही है। एक बार लोगों को सिलेंडर जरूर मिले लेकिन दुबारा गैस भरवाने के लिए पैसे न होने की वजह से चूल्हे पर ही खाना पकाने का काम गाँव की महिलाएं कर रही हैं। परिणाम आज भी इन्हें धुएं झेलते हुए खाना बनाना पड़ रहा है, जो इन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

महिलाओं की तरक्की का रास्ता भी हैं पक्की सड़कें

किसी भी शहर या गाँव के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ विकास की पहली शर्त वहाँ पक्की सड़क का होना होता है। अच्छी सड़क उस गाँव या शहर तक लोगों की पहुँच आसान बनाती है। सड़क की कमी का सबसे ज्यादा असर वहाँ की महिलाओं के आगे बढ़ने में बाधक होती हैं। पक्की सड़क बाहर की दुनिया से जोड़ती है। दरअसल रास्ते का वीरान होना, अंधेरा होना और 'रात को मत निकलो' जैसे वाक्य ये सब किसी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से कहीं ज्यादा, महिलाओं को ‘घर तक सीमित’ रखने वाली सोच का हिस्सा नजर आता है।

दुर्गाकुंड स्थित अंध विद्यालय बंद करने के विरोध में ज्ञापन

वाराणसी। जनपद में श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय दुर्गाकुंड के ठीक सामने स्थित है। हनुमान प्रसाद पोद्दार सेवा समिति ट्रस्ट विद्यालय को संचालित...

स्टेन स्वामी की हिरासत में हत्या और राजनीतिक बंदियों के रिहाई के लिए प्रतिरोध सभा

आज फादर स्टेन स्वामी की राज्य द्वारा साजिशन की गई हत्या के खिलाफ व अन्य राजनैतिक बंदियों की रिहाई को लेकर शहर के ऐपवा,...

कल शाम साढ़े चार बजे बीएचयू गेट चलें!

न्यायिक हिरासत में हुई फादर स्टेन की मौत के खिलाफ कल शाम साढ़े चार बजे एक प्रतिरोध सभा बुलाई गई है । समाजवादी जन...

फादर स्टेन स्वामी : उनका निधन एक न्यायिक हत्या का मामला है

आदिवासियों के हितों के लिए संघर्ष  करने वाले फादर स्टेन स्वामी ने आज अंतिम सांस ली। वे आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने...

कोरोना काल में ग्रामीण चिकित्सकों ने मौत के सैलाब को बांधा: वल्लभाचार्य पाण्डेय

वाराणसी। ग्रामीण चिकित्सक सम्मान कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को चौबेपुर क्षेत्र के डुढूवां ग्राम स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय ग्राम...

मोदी सरकार की पूँजीवादी नीतियों ने देश को गर्त में डाल दिया : श्रीराम चौधरी

बलिया में वाम मोर्चा का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, सौंपा मांग पत्रबलिया। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी एवं प्रदेश में गिरती कानूनी व्यवस्था के खिलाफ वाम मोर्चा...
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