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खुल गया ‘बचपन’ पहड़िया में

बनारस के पहड़िया इलाके में स्थित आवासीय कालोनी आनंदपुरी में आज ‘बचपन’ स्कूल की शुरुआत हुई। प्लेग्रुप, नर्सरी और केजी कक्षा के संचालन के साथ स्कूल प्रबंधन बच्चों को दैनिक कार्यों की जानकारी भी देगा। साथ ही उन्हें मानसिक तौर पर जानकार और सुदृढ़ बनाएगा। देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के चित्र पर […]

बनारस के पहड़िया इलाके में स्थित आवासीय कालोनी आनंदपुरी में आज ‘बचपन’ स्कूल की शुरुआत हुई। प्लेग्रुप, नर्सरी और केजी कक्षा के संचालन के साथ स्कूल प्रबंधन बच्चों को दैनिक कार्यों की जानकारी भी देगा। साथ ही उन्हें मानसिक तौर पर जानकार और सुदृढ़ बनाएगा। देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर अतिथियों ने स्कूल की शुभारम्भ किया।

देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले

स्कूल की प्रबंधक मधुमिता यादव ने बताया कि ‘खेल-खेल में शिक्षा’ पद्धति के माध्यम से हम बच्चों को जीवन की कई महत्वपूर्ण क्रियाएँ जैसे कि भोजन करना, चलना और बोलना सिखाएंगे। खेल-खेल में सीखना और समझना बच्चों के लिए स्वाभाविक प्रक्रिया है। ऐसा करने से उन्हें पढ़ाई में भी खुशी मिलने लगती है। ऐसे माध्यमों से वह मित्रता, दया, सहयोग, समन्वय, अनुशासन, प्रेम और स्वस्थ मानसिकता के गुण अपनाते हैं।

बचपन स्कूल की संचालिका मधुमिता यादव

मेरा मानना है कि बचपन से अगर बच्चों को इन तरीकों में ढाल दिया जाए तो आगे चलकर यही बच्चे एक बेहतर इनसान बनेंगे। अक्सर देखा गया है कि जिन कक्षाओं में बच्चे शिक्षक के साथ शैक्षिक गतिविधियों में शामिल होते हैं, उन कक्षाओं के परिणाम बेहतर होते हैं। इस स्कूल में हम बच्चों को शिक्षक के साथ मिलकर सीखने का अवसर प्रदान करेंगे। आधुनिक युग में पठन-पाठन का यह माध्यम समय की मांग है।’

इन खिलौनों से सीखेंगे

मधुमिता बताती हैं कि ‘कई वर्ष पहले पति के साथ मैंने ऐसे स्कूल की योजना बनाई थी। फिर कोरोनाकाल ने भी काफी मुसीबतें खड़ी की। इसी के बीच दिल्ली की ‘बचपन’ संस्था के साथ मिलकर हमने इस स्मार्ट स्कूल की शुरुआत की।’ दीवालों पर बने रोचक चित्रकारी वाले इस स्मार्ट स्कूल में स्मार्ट किताबें भी हैं जो बोलकर बच्चों को रोचक तरीके से यूनिक चीजें सिखाती हैं। इस स्कूल में डॉल रूम, बैलून रूम, कैरम के साथ एक ऑडिटोरियम हैं जिसमें एक साथ 20 बच्चे बैठकर बड़े स्क्रीन पर रोचक वीडियो फिल्म देख सकते हैं। स्कूल की प्रबंधक ने बताया कि इस स्कूल में फीस भी काफी कम रखी गई है ताकि मिडिल तबके के लोगों को अपने बच्चों को यहाँ भेजने में ज़्यादा तकलीफ न हो।

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उद्घाटन में मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य सीताराम यादव, विशिष्ट अतिथि रामलाल यादव, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता अपर्णा, रामजी यादव, इंजीनियर विजय शंकर सहित ढेरों स्थानीय लोग उपस्थित थे।

बच्चों के लिए डिजिटल क्लास की व्यवस्था

गाँव के लोग
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