
पहली बात तो यही कि कार्यपालिका ने विधायिका के अधिकारों का हनन किया। पीएम कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं। जबकि विधायिका के प्रमुख लोकसभा अध्यक्ष। कल राष्ट्रीय प्रतीक के अनावरण का अधिकार ओम बिरला को था। लेकिन अपने आचरण से उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे लोकसभा अध्यक्ष से अधिक नरेंद्र मोदी के मोहरे हैं।
नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
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