मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम अब घोषित होने लगे हैं। बीजेपी का जलवा तीन राज्यों में दिखा है और रुझानों में हिंदी पट्टी के तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है। चुनाव परिणाम से जहां बीजेपी के खेमे में खुशी है, वहीं कांग्रेसी मायूस हैं।
वहीं, तेलंगाना के मंत्री केटीआर राव ने प्रदेश में कांग्रेस की जीत पर बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया है-हम जनता का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने हमें दो बार राज्य पर शासन का अवसर दिया। हम इस परिणाम से उदास नहीं, लेकिन निराश जरूर हैं। यह चुनाव परिणाम हमारे लिए सबक है।
Grateful to the people of Telangana for giving @BRSparty two consecutive terms of Government 🙏
Not saddened over the result today, but surely disappointed as it was not in expected lines for us. But we will take this in our stride as a learning and will bounce back…
— KTR (@KTRBRS) December 3, 2023
छत्तीसगढ़ की कुल 90 विधानसभा सीटों में चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, भाजपा को कुल 55 और कांग्रेस को 35 सीटें मिलीं हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी वहीं इस बार शुरुआती रुझान में कांग्रेस की सीटें घटती नज़र आ रही हैं।
हालांकि कांग्रेस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन सीट से शुरुआत में पीछे नज़र आ रहे थे लेकिन अभी 7471 मतों से आगे नज़र आ रहे हैं। वहीं बघेल के भतीजे विजय बघेल दसवें राउंड में दूसरे नम्बर पर बरकरार हैं। 2018 में भूपेश बघेल ने 27477 मतों से भाजपा के मोतीलाल साहू को मात दी थी। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार चर्चित पाटन सीट पर कौन किसको मात देता है।
भाजपा छत्तीसगढ़ में जहां एंटीइनकंबेंसी के भरोसे चुनाव लड़ रही थी वहीं कांग्रेस किसानों को केंद्र में रखकर चुनाव मैदान में नज़र आई। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में पूरे देश में सबसे अधिक दर 2600 रुपये प्रति क्विंटल पर छत्तीसगढ़ सरकार धान खरीद कर रही थी।
देखना होगा कि चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने कर्ज माफी और 3200 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीद का दावा कर चुनावी एजेंडा भी सेट करने में सफल होती है कि नहीं। यदि भाजपा कांग्रेस को प्रदेश में चुनावी मात देती है तो निश्चित तौर पर यह कहा जा सकता है कि भाजपा का ध्रुवीकरण और महतारी वंदन योजना का लाभ उसे मिला है।
पिछले चुनाव में कांग्रेस 90 विधानसभा सीटों में से 68 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं दक्षिण छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग की कुल 12 सीटों में से 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा सम्भाग में कांग्रेस ने सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
वहीं इस बार कांग्रेस बस्तर और सरगुजा संभाग की कई सीटों पर पीछे नज़र आ रही है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो इसके दो प्रमुख कारण दोनों संभागों में धान किसानों की संख्या का कम होना और सरगुजा सम्भाग में टी एस सिंह देव की उपेक्षा प्रमुख कारण रहा है।
छत्तीसगढ़ की प्रमुख सीटों में अंबिकापुर से टी एस सिंह देव 7420 मतों से पीछे चल रहे हैं और भाजपा से राजेश अग्रवाल पहले नम्बर पर बरकरार हैं। भरतपुर सोनहट से भाजपा सांसद रेणुका सिंह दसवें राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब कमरो से 5682 वोटों से आगे चल रही हैं। वहीं जसपुर जिले की कांग्रेस की पारम्परिक पत्थलगांव सीट से भाजपा सांसद गोमती साय 5596 मतों से आगे चल रही हैं।
जबकि सत्ता की कुंजी माने जाने वाले बस्तर संभाग की प्रमुख सीट कोंटा से सीपीआई से मनीष कुंजाम 2004 मतों से आगे चल रहे हैं। वहीं कांग्रेस से कवासी लखमा दूसरे नम्बर पर और भाजपा प्रत्याशी सोयम मूका तीसरे नम्बर पर चल रहे हैं। चित्रकोट से कांग्रेस सांसद दीपक कुमार बैज 5256 मतों से पीछे चल रहे हैं। कोंडागांव से भाजपा प्रत्याशी लता उसेंडी 5685 वोटों से आगे चल रही हैं।
मध्य छत्तीसगढ़ जहां से कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें जीतनी की उम्मीद है वहां से शुरुआती रुझान में कई प्रमुख सीटों पर हारती नज़र आ रही है। राजधानी रायपुर की दक्षिण रायपुर से भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल 24497 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास से आगे चल रहे हैं। पश्चिम रायपुर सीट से राजेश मूढ़त 27467 मतों से आगे चल रहे हैं। रायपुर ग्रामीण से मोतीलाल साहू 27853 मतों से कांग्रेस प्रत्याशी पंकज शर्मा से आगे चल रहे हैं।
देखना दिलचस्प होगा कि छत्तीसगढ़ में जनता 2023 में दोबारा कांग्रेस को सत्ता की कुर्सी सौंपती है या भाजपा पर विश्वास जताती है।
गौरव गुलमोहर स्वतंत्र पत्रकार हैं।