असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, पांच लाख से ज्यादा लोग प्रभावित

गाँव के लोग डॉट कॉम डेस्क

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भारी बारिश और बाढ़ के कारण असम के 22 जिलों में पांच लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। इस बाढ़ के कारण आधिकारिक रूप से अब तक दो लोगों की मौत की सूचना है, अब तक 14 हजार लोगों को विस्थापित होकर राहत शिविरों में जाना पड़ा है। वहीं, बाढ़ और भारी बारिश के कारण तामुलपुर कुमारीकाटा इलाके में एक पुल बह गया है। राज्य की प्रमुख नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।

बारिश और बाढ़ से न केवल इंसान प्रभावित हुए हैं, बल्कि जानवर भी खतरे में हैं। बाढ़ के कारण राज्य में अब तक बाढ़ के कारण करीब 63 हजार बच्चे प्रभावित हुए हैं। खबर के अनुसार, बारपेटा में लगभग तीन लाख से लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, नलबाड़ी में 77 हजार लोग और लखीमपुर में करीब 27 हजार लोग बाढ़ की त्रासदी  झेल रहे हैं।

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र नदी नेमतीघाट और धुबरी में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं अन्य नदियों में पुथिमारी (कामरूप), पगलागिया (नलबाड़ी) और मानस (बारपेटा) शामिल है।

ख़बरों के अनुसार, राज्य के सात जिलों में 83 राहत शिविरों में 14,000 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं, जबकि अन्य 79 राहत वितरण केंद्र भी कार्यरत हैं। सेना, अर्द्धसैनिक बल, राष्ट्रीय आपदा एनडीआरएफ, अग्निशमन और आपातकालीन सेवा, नागरिक प्रशासन, गैर सरकारी संगठन तथा स्थानीय लोग राहत एवं बचाव कार्य में सहयोग कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बोंगई गांव और दीमा हसाओ में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाओं की सूचना मिली है। बारपेटा, सोनितपुर, दरांग, नलबाड़ी, बक्सा, चिरांग, धुबरी, कोकराझार, लखीमपुर, उदलगुरी, बोंगाई गांव, धेमाजी और डिब्रूगढ़ में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। एएसडीएमए की रिपोर्ट में कहा गया है कि बारपेटा, दरांग, जोरहाट, कामरूप मेट्रोपॉलिटन और कोकराझार जिलों में कई स्थान जलमग्न हो गए हैं।

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