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जाति जनगणना ने मोदी सरकार का बहुजन विरोधी चेहरा सामने ला दिया – मनीष शर्मा

जाति जनगणना संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आज वाराणसी के अजगरा विधानसभा के मुनारी बाजार में सामाजिक न्याय व जातिवार जनगणना की मांग को लेकर सम्मेलन आयोजित हुआ। जिसमें बनारस के तमाम बुद्धिजीवी व समाजकर्मी व सैकड़ों की संख्या में महिलाओं-पुरुषों की मौजूदगी थी। सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के संयोजक अनूप […]

जाति जनगणना संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आज वाराणसी के अजगरा विधानसभा के मुनारी बाजार में सामाजिक न्याय व जातिवार जनगणना की मांग को लेकर सम्मेलन आयोजित हुआ। जिसमें बनारस के तमाम बुद्धिजीवी व समाजकर्मी व सैकड़ों की संख्या में महिलाओं-पुरुषों की मौजूदगी थी।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के संयोजक अनूप श्रमिक ने कहा कि जातिवार जनगणना न केवल सामाजिक-आर्थिक सहित हर तरह की गैरबराबरी के खिलाफ गंभीर क़दम होगा बल्कि राष्ट्र निर्माण की कोई भी परियोजना जाति जनगणना के बिना बिल्कुल अधूरी होगी, ऐसे में जाति जनगणना का विरोध करने वाली ताकतें, सामाजिक न्याय की ही विरोधी नहीं, राष्ट्र विरोधी भी हैं।

[bs-quote quote=”किसान नेता व सामाजिक कार्यकर्ता राघवेंद्र भाई ने कहा कि जातिवार जनगणना के सवाल पर संघर्षशील शक्तियों को एकजुट कर सड़कों पर लड़ाई खड़ी करनी होगी, और किसान आंदोलन की तर्ज पर ही आगे बढ़ना होगा। फादर आनंद ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जाति जनगणना आंदोलन हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख- इसाई सभी धर्मों के पसमांदा का आंदोलन है, और यह आंदोलन न केवल सबको सामाजिक न्याय दिलायेगा बल्कि आने वाले समय में विराट बहुजन एकता को भी फिर से स्थापित करेगा। सम्मेलन की अध्यक्षता समाजवादी चिंतक नीति भाई ने किया और संचालन कम्युनिस्ट फ्रंट के जिला संयोजक सागर गुप्ता ने किया।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]

 

कम्युनिस्ट फ़्रंट के संयोजक मनीष शर्मा ने कहा कि जाति जनगणना जैसे गंभीर सवाल पर समूचे विपक्ष की धीमी-दबी आवाज़ या औपचारिक रुख़ बेहद चिंताजनक है और यह जानते हुए भी कि जनगणना केंद्र का विषय है इसके बावजूद विपक्ष द्वारा राज्यवार जाति जनगणना की बात करना न केवल असंवैधानिक है बल्कि पूरे आंदोलन को कमजोर करने जैसा है। मनीष शर्मा ने कहा कि जाति जनगणना आंदोलन ने साफ कर दिया है कि एक तरफ जहां, मोदी सरकार घनघोर दलित-पिछड़ा-आदिवासी व पसमांदा विरोधी है वहीं समूचा विपक्ष भी ब्राह्मणवाद के गहरे दबाव में है।
किसान नेता व सामाजिक कार्यकर्ता राघवेंद्र भाई ने कहा कि जातिवार जनगणना के सवाल पर संघर्षशील शक्तियों को एकजुट कर सड़कों पर लड़ाई खड़ी करनी होगी, और किसान आंदोलन की तर्ज पर ही आगे बढ़ना होगा। फादर आनंद ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जाति जनगणना आंदोलन हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख- इसाई सभी धर्मों के पसमांदा का आंदोलन है, और यह आंदोलन न केवल सबको सामाजिक न्याय दिलायेगा बल्कि आने वाले समय में विराट बहुजन एकता को भी फिर से स्थापित करेगा। सम्मेलन की अध्यक्षता समाजवादी चिंतक नीति भाई ने किया और संचालन कम्युनिस्ट फ्रंट के जिला संयोजक सागर गुप्ता ने किया।
 अन्य वक्ताओं में प्रमुख रूप से हरिश्चन्द्र मौर्य, जड़ावती जी, कविता, वंदना, गौतम, रूपनारायण, महेश पाल जी व शहजादी बानो आदि उपस्थित थे। सम्मेलन में मुख्य रूप से प्रभु भाई, पप्पू पटेल, सूबेदार भाई, शीला, बिंदु, सुनील कुमार, अंजू जी  आदि लोग मौजूद थे।
गाँव के लोग
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