19वीं सदी को याद करना,
सामाजिक बुराईयों पर प्रहार करना,
सामाजिक चेतना की अग्रदूत,
सावित्रीबाई को याद करना।(1)
भारत की पहली महिला शिक्षिका,
शिक्षा और सामाजिक,
चेतना को भरना,
सावित्रीबाई को याद करना।(2)
बाल विवाह पर कुठाराघात करना,
विधवा विवाह की पक्षधर,
बाल हत्या पर प्रतिबन्ध करना,
सावित्रीबाई को याद करना।(3)
महिलाओं को शिक्षित करना,
मूल समस्याओं को जड़ से उखाड़ना,
सामाजिक चेतना का आधार देना,
सावित्रीबाई को याद करना।(4)
शिक्षा का हथियार अपनाना,
महिला शक्ति को पहचानना,
प्रेरणा की अग्रदूत,
सावित्रीबाई को याद करना।(5)
बेटी बचाना, बेटी पढ़ाना,
सामाजिक चेतना की आवाज देना,
शिक्षा ही जीवन का आधार देना,
सावित्रीबाई को याद करना।(6)
सामाजिक सुधार की कल्पना करना,
संघर्षों की परिणति सहना,
लक्ष्य और चुनौती को परखते रहना,
सावित्रीबाई को याद करना।(7)
शिक्षा की गठरी खोलना,
सामाजिक विषमताओं को दूर करना,
व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करना,
सावित्रीबाई को याद करना।(8)
लेखक मोतीलाल मानव उत्थान समिति के सचिव हैं।
[…] महानायिका सावित्रीबाई फुले […]