चंडीगढ़ (भाषा)। राज्य के किसानों को सीएम भगवंत मान ने ग्यारह रुपये का ‘शगुन’ दिया है। उन्होंने गन्ने की कीमत में 11 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। अब राज्य में गन्ने का मूल्य 380 से बढ़कर 391 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया। वहीं, किसानों ने इस निर्णय को ऊँट के मुँह में जीरा बताया है और कहा है कि हमारे साथ विश्वासघात हुआ है।
शुक्रवार को सीएम मान ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, 11 रुपये की बढ़ोतरी के साथ नई दर 391 रुपये प्रति क्विंटल होगी, जो देश में सबसे अधिक होगी। सरकारी की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मान ने कहा कि पंजाब में 11 रुपये को ‘शगुन’ माना जाता है और उनकी सरकार ने किसानों को यह तोहफा दिया है।
ਅੱਜ ਸਾਡੇ ਧੀਆਂ-ਪੁੱਤਾਂ ਨੂੰ ਵੱਖੋ-ਵੱਖ ਅਹੁਦਿਆਂ ‘ਤੇ ਸਰਕਾਰੀ ਨੌਕਰੀ ਮਿਲੀ ਹੈ…ਮੈਂ ਇਹੀ ਸੁਪਨਾ ਤਾਂ ਸੰਜੋਇਆ ਸੀ ਕਿ ਸਾਡੇ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਨੂੰ ਇੱਥੇ ਹੀ ਨੌਕਰੀਆਂ ਮਿਲਣ…ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਖ਼ਜ਼ਾਨਾ ਖ਼ਾਲੀ ਨਹੀਂ ਸੀ..ਬਸ ਪਹਿਲਾਂ ਵਾਲਿਆਂ ਦੀ ਨੀਅਤ ਖ਼ਾਲੀ ਸੀ… pic.twitter.com/FyJDBGtwgd
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) December 1, 2023
उल्लेखनीय है कि गन्ने की कीमतों में 70 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की माँग को लेकर कई दिनों से जालंधर में राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल ट्रैक को जाम कर रहे किसानों को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आने वाले दिनों में अच्छी खबर का आश्वासन दिया था। इसके बाद किसानों ने अपना धरना खत्म कर दिया। यह घोषणा भगवंत मान और किसान यूनियन के नेताओं के बीच लगभग डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद हुई थी। दूसरी तरफ, मान ने कहा है कि उन्होंने राज्य के किसानों के साथ जो वादा किया था, उसे पूरा किया है।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा का किसान संगठनों ने विरोध जताया है। बीकेयू (दोआबा) के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय ने कहा कि बढ़ोतरी बहुत कम है। यह किसानों के साथ विश्वासघात है। हम कीमत बढ़ोतरी से खुश नहीं हैं। गन्ने की कीमतें जितना हमसे वादा किया गया था उतनी बढ़ाई जानी चाहिए।
बीकेयू अध्यक्ष ने कहा, पिछले हफ्ते चंडीगढ़ में सीएम के साथ हमारी बैठक में मान ने कहा था कि हरियाणा की तरह पंजाब में भी गन्ने की कीमत में 14 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की बढ़ोतरी होगी। इसलिए हमें उम्मीद थी कि नई दर कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक होगी। उन्होंने फिर से विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए राज्य में चीनी मिलों को तत्काल चालू किए जाने की भी मांग की।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों धरनारत किसानों से एक बातचीत के दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा था कि जहाँ तक गन्ने की दर बढ़ाने का सवाल है, इस मामले में पंजाब हमेशा आगे रहा है। पड़ोसी राज्य हरियाणा ने पिछले महीने गन्ने की कीमत 14 रुपये बढ़ाकर 386 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की है। लेकिन पंजाब सरकार किसानों का हित ध्यान में रखते हुए गन्ने की कीमत में इजाफा करेगी।
पंजाब में 16 चीनी मिलें हैं, जिनमें से नौ सरकारी हैं और सात निजी हैं। सीएम भगवंत मान के अनुसार, सरकारी स्वामित्व वाली मिलों का 709 करोड़ रुपये का बकाया पहले ही चुका दिया गया है। पंजाब सरकार पर अब चीनी मिलों का कोई बकाया नहीं है। केवल दो निजी चीनी मिलों पर पैसा बकाया है, जिसमें धूरी की एक मिल पर 46 लाख रुपये और फगवाड़ा की एक मिल पर 14.86 करोड़ रुपये का बकाया है।
अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने अपने यहाँ गन्ने का मूल्य निर्धारित किया है। ऐसे में किसी राज्य में किसानों को गन्ने का कम मूल्य मिल रहा है तो किसी में ज्यादा। देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने का मूल्य –
- हरियाणा में गन्ने का मूल्य 372 रुपये प्रति क्विंटल।
- पंजाब में गन्ने का मूल्य 380 रुपये प्रति क्विंटल।
- उत्तर प्रदेश में गन्ने का मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल।
- उत्तराखंड में गन्ने का मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल।
- बिहार में गन्ने का मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल।
उपरोक्त राज्यों का गन्ना मूल्य देखने के बाद यह पता चलता है कि इन राज्यों में सबसे कम मूल्य इस समय यूपी के किसानों को मिल रहा है।
वहीं, एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पंजाब में कुल 24 चीनी मिलें हैं। इनमें से 16 सहकारी क्षेत्र में और 8 निजी क्षेत्र में हैं। पंजाब में गन्ने की बुआई का मौसम सितंबर से अक्टूबर और फ़रवरी से मार्च तक होता है। गन्ने को पकने में आम तौर पर एक साल लगता है। इस समय पंजाब में गन्ने की कीमत 380 रुपये प्रति क्विंटल है।