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वाराणसी : सरकारी लापरवाही के कारण 17 हजार लोग महीनों से वृद्धा पेंशन से वंचित हैं

वाराणसी के समाज कल्याण विभाग से वृद्धा पेंशन के हजारों लाभार्थियों को कई महीने से पेंशन नहीं मिल रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग की ओर से वर्तमान वित्तीय वर्ष के शुरुआत में सभी पंजीकृत पेंशनधारकों के आधार का सत्यापन हो जाने के बाद उनके बैंक खाते को नेशनल पेमेंट कर्पोरेशन ऑफ […]

वाराणसी के समाज कल्याण विभाग से वृद्धा पेंशन के हजारों लाभार्थियों को कई महीने से पेंशन नहीं मिल रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग की ओर से वर्तमान वित्तीय वर्ष के शुरुआत में सभी पंजीकृत पेंशनधारकों के आधार का सत्यापन हो जाने के बाद उनके बैंक खाते को नेशनल पेमेंट कर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से लिंक कराने के बाद सारे विवरण को समाज कल्याण विभाग के लखनऊ स्थित मुख्यालय को भेज दिया गया। अब ये डेटा कंप्यूटर पर शो नहीं कर रहा है। इस कारण बड़ी संख्या में लाभार्थियों को अप्रैल महीने से पेंशन की किश्त नहीं मिल पा रही है।

पेंशन रुक जाने से लाभार्थी परेशान हैं। वे कभी कचहरी स्थित विकास भवन के भूतल पर कार्यालय का चक्कर मार रहे हैं तो कभी विकास खंड मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इन पेंशनरों का डेटा डिलीट हो जाने के कारण यह समस्या हो रही है। देखा जाए तो वाराणसी में ऐसे लाभार्थियों की संख्या 17 हजार है।अब तक आठ महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं निकला। ]

इस बाबत पूछे जाने पर जिला समाज कल्याण अधिकारी जीआर प्रजापति कहते हैं, ‘लखनऊ मुख्यालय स्तर से डेटा में यह दिक्कत आई है। यह जो गड़बड़ी हुई है, उसमें वाराणसी के साथ ही अन्य जनपदों के भी लाभार्थी प्रभावित हुए हैं। मुख्यालय स्तर से डेटा को दुबारा हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि डेटा रिकवरी हो जाता है तो ठीक नहीं तो फिर से लाभार्थियों का  विवरण लिया जाएगा और निर्धारित प्रक्रिया के तहत मुख्यालय भेजा जाएगा।’

लोगों के पास प्रतिष्ठापूर्ण जीवन जीने और अपनी उम्र के बढ़ते वर्षों में अपना जीवन स्तर बिना किसी समझौते के अच्छा बनाए रखने की सुविधा हो। इसी सोच के तहत भारत सरकार ने 1 जुलाई, 1991 को वृद्धा पेंशन योजना की शुरुआत की। उस समय इसे वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना का नाम दिया गया था। इस योजना के तहत, 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को पेंशन दी जाती है। पहले यह योजना 65 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए थी। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत, 60 से 79 साल के बीपीएल लाभार्थियों को केंद्र सरकार 200 रुपये और राज्य सरकार 1,300 रुपये प्रति माह पेंशन देती है।

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समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी में बीते वित्तीय वर्ष 2022-23 में करीब 96 हजार वृद्धा पेंशनरों को कुल मिलकर लगभग 49.31 करोड़ रुपये किस्त के तौर पर लाभार्थियों को भेजी गयी थी। वर्ष 2022-23 में इस योजना में करीब 30 हजार नए पेंशनर शामिल किए गए थे, जबकि देखा जाए तो उसके पहले के वित्तीय वर्ष 2021-22 में लाभार्थियों की संख्या 86298 थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में वृद्धावस्था पेंशनरों की संख्या लगभग 1 लाख 13 हजार है। इन्हीं में से 17 हजार लोगों का पेंशन का डेटा डिलीट हो गया है।

वृद्धावस्था पेंशन योजना का लाभ ले रही भोजूबीर निवासी मुनका देवी कहती है, ‘हम जैसे लोगों के लिए यह योजना वरदान है। बुढ़ापे में यह हमारे लिए एक लाठी के समान है। इसके बिना न तो हमारा घर में और ना ही बाहर इज्जत होती है। हाथ में पैसा है तो अपनी मर्जी से जो चाहिए कर सकते हैं, नहीं तो फिर बेटों या बहुओं पर निर्भर रहना पड़ता है। इसी पैसे के लालच में हमारी बहू-बच्चे देखभाल करते हैं। छोटी राशि ही सही लेकिन कम से कम जरूरत पर यह पैसा हमारे बच्चों के काम तो आता है। हमारे बच्चे इस पैसे को नहीं निकालते जब बहुत जरूरत पड़ती है तभी निकलते हैं।’

मुनका आगे कहती हैं कि ‘मेरे आसपास ही कई महिलाएं ऐसी हैं कि उनका पैसा अगर एक महीने रुक जाता है तो उनकी चल रही दवा बंद हो जाती है।’

बहरहाल जो भी हो सरकार की तरफ से दी जा रही वृद्धावस्था पेंशन बुढ़ापे में उन पुरनियों (बूढ़े लोगों) के लिए एक लाठी के समान सहारा देती है। इससे न सिर्फ ये लोग अपनी दवा-दारू का इंतजाम करते हैं, बल्कि पास में पैसा होने की स्थिति में बहू-बेटे भी सेवा भाव में कोई कोर  कसर नहीं रखते।

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