संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंतोनियो गुतारेस की ओर से जारी एक बयान है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र ने भारत में सांप्रदायिक दंगाें को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। साथ ही कहा गया है कि भारत सरकार अल्पसंख्यकों के ऊपर हो रहे इन घटनाओं को रोकने का प्रयास करेगी तथा सभी भारत में मिलजुलकर रह सकेंगे।
मैं नहीं जानता कि अहंकारवश भारतीय हुक्मरान एंतोनियो गुतारेस की टिप्पणी के संबंध में कुछ कहेंगे या नहीं कहेंगे। वजह यह भी है कि यह गांवों का मसला नहीं है। गांवों में तो होता यह है कि यदि कोई एक व्यक्ति आलोचना कर दे तो आदमी खुद में सुधार लाने की कोशिशें करता है। अलबत्ता कुछ बदमाश जरूर होते हैं, जिनके ऊपर किसी भी आलोचना का असर नहीं होता।


नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
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