बेंगलुरु। कर्नाटक में राज्यसभा की चार सीट पर चुनाव के लिए ‘क्रॉस वोटिंग’ की आशंका के बीच मंगलवार को मतदान जारी है और राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने विरोधी खेमे के विधायकों से समर्थन मिल सकने का दावा किया है। ‘क्रॉस वोटिंग’ की आशंका के कारण कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) गठबंधन ने अपने-अपने विधायकों को सोमवार को एक निजी रिसॉर्ट में रखा था।
कर्नाटक की 223 सदस्यीय विधानसभा में इसके अध्यक्ष को छोड़कर कांग्रेस के 133 विधायक हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 66 और जनता दल-सेक्युलर (जद -एस) के 19 विधायक हैं, जबकि चार अन्य विधायक हैं। कांग्रेस के एक विधायक का रविवार को निधन हो गया था।
कांग्रेस के सूत्रों ने दावा किया है कि पार्टी के पास चार अन्य विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस ने चार अन्य विधायकों में से दो निर्दलीय और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनैया का समर्थन होने का दावा किया है तथा वह तीन सीट जीतने को लेकर आश्वस्त है। दिलचस्प बात यह है कि इन चार विधायकों में से जी. जनार्दन रेड्डी (कल्याण राज्य प्रगति पक्ष) ने सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से मुलाकात की थी। खनन कारोबारी रेड्डी भाजपा के पूर्व मंत्री हैं। कांग्रेस के एक प्रमुख सूत्र ने ‘भाषा’ से कहा, ‘इसके अलावा हमें विरोधी खेमे से तीन वोट मिल सकते हैं।’
मतदान सुबह नौ बजे शुरू हुआ जो शाम चार बजे तक जारी रहेगा। मतगणना शाम पांच बजे से शुरू हो जाएगी। विधायक अपने मताधिकार का प्रयोग खुली मतपत्र प्रणाली के जरिए करेंगे। इन विधायकों को नामित मतदान एजेंट को अपनी वोटिंग प्राथमिकता दिखानी होगी।
चार सदस्यों – केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (भाजपा) और कांग्रेस के जी. सी. चंद्रशेखर, सैयद नसीर हुसैन और एल हनुमंथैया की सेवानिवृत्ति के बाद राज्यसभा की ये सीट खाली हुई हैं।
इस चुनाव के लिए पांच उम्मीदवार – अजय माकन, सैयद नसीर हुसैन और जी.सी. चंद्रशेखर (सभी कांग्रेस), नारायण बंदगे (भाजपा) और कुपेंद्र रेड्डी (जनता दल सेक्युलर) मैदान में हैं।
‘क्रॉस वोटिंग’ (विधायकों के विरोधी खेमे के पक्ष में मतदान करने) की आशंकाओं के बीच सभी दलों ने मंगलवार को हो रहे मतदान के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यदि मैदान में केवल चार उम्मीदवार होते हैं, तो प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए 45 वोट प्राप्त करने होंगे, लेकिन अधिक उम्मीदवारों के मामले में, वरीयता वोट की प्रणाली अपनाई जाती है।
भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने अपने गठबंधन के दोनों उम्मीदवारों की जीत का भरोसा जताया।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस विधायकों में भारी असंतोष है। किसी भी विकास कार्य के लिए किसी को एक रुपया भी जारी नहीं किया गया है। पिछले नौ महीने में कांग्रेस सरकार पूरी तरह से निष्क्रिय रही है। हमें विश्वास है कि असंतुष्ट विधायक हमारे राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) उम्मीदवार को वोट देंगे।’