दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय की एक छः सदस्यीय टीम ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार कर लिया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा अरविंद केजरीवाल को राहत देने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम बृहस्पतिवार शाम उनके आवास पर तलाशी लेने पहुंची थी। हालाँकि केजरीवाल ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख कर चुके हैं।
केजरीवाल के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर आम आदमी पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी मारलेना ने केजरीवाल कि गिरफ़्तारी के मामले में मीडिया से कहा, ‘अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी भाजपा एवं पीएम मोदी की साजिश है। प्रधानमन्त्री जी को अगर किसी नेता से डर लगता है तो वो नेता अरविन्द केजरीवाल हैं। दो साल में जबसे इस केस कि जांच चल रही है एक रूपये की रिकवरी न सीबीआई कर पाई है और न ही ईडी कर पाई है।
वे आगे कहती हैं, ‘अरविन्द केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री रहेंगे। अगर जरूरत पड़ेगी तो अरविन्द केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे। कोई ऐसा कानून नहीं है जो जेल से उन्हें सरकार चलाने से रोकता हो।
कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी ने अरविन्द केजरीवाल पर ईडी की कार्यवाई को असंवैधानिक और द्वेषपूर्ण करार दिया है।
चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह टार्गेट करना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को।
अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िये, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 21, 2024
प्रियंका गाँधी अपने एक्स पर लिखती हैं, ‘चुनाव के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को इस तरह टार्गेट करना एकदम गलत और असंवैधानिक है। राजनीति का स्तर इस तरह से गिराना न प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है, न उनकी सरकार को। अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िये, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए – यही लोकतंत्र होता है। मगर इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मक़सद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना, दबाव डालकर उन्हें कमज़ोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के ख़िलाफ़ है।’