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नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की कमर टूट गई, देश प्रधानमंत्री को कभी नहीं करेगा माफ

राहुल गांधी ने  नोटबंदी को बताया  सोची समझी साजिश, जयराम रमेश ने कहा भीषण त्रासदी नयी दिल्ली, (भाषा)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के सात साल पूरा होने के मौके पर बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का यह फैसला रोजगार तबाह करने, किसानों को नुकसान पहुंचाने और असंगठित क्षेत्र की […]

राहुल गांधी ने  नोटबंदी को बताया  सोची समझी साजिश, जयराम रमेश ने कहा भीषण त्रासदी

नयी दिल्ली, (भाषा)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी के सात साल पूरा होने के मौके पर बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का यह फैसला रोजगार तबाह करने, किसानों को नुकसान पहुंचाने और असंगठित क्षेत्र की कमर तोड़ने की एक साजिश था। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘नोटबंदी एक सोची समझी साज़िश थी। यह साजिश रोज़गार तबाह करने, श्रमिकों की आमदनी रोकने, छोटे व्यापारों को खत्म करने की, किसानों को नुकसान पहुंचाने की और असंगठित अर्थव्यवस्था को तोड़ने की थी।’

उन्होंने दावा किया, ‘99 प्रतिशत आम भारतीय नागरिकों पर हमला, एक प्रतिशत पूंजीपति मोदी ‘मित्रों’ को फायदा। यह एक हथियार था, आपकी जेब काटने का, परम मित्र की झोली भर कर उसे 609 से दुनिया का दूसरा सबसे अमीर बनाने का।’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को रात आठ बजे देश को संबोधित करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था। सरकार ने 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे। अब 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया है।

कांग्रेस ने नोटबंदी के सात साल पूरा होने के अवसर पर बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यस्था की कमर टूट गई तथा अर्थव्यवस्था में सुधार का आरंभ हुआ सिलसिला खत्म हो गया।

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि मोदी सरकार की नोटबंदी आम नागरिकों के जीवन में एक गहरे ज़ख़्म की तरह है, जिसकी मरहम-पट्टी वो आज तक कर रहें हैं।इसे  नोटबंदी के बाद मोदी जी ने 50 दिन माँगे थे, आज 7 साल हो गए। वो चौराहा तो नहीं मिला, देश को दोराहे पर ज़रूर खड़ा कर दिया। एक तरफ़ अमीर, अरबपति अमीर हो गया है, तो दूसरी ओर, गरीब और भी गरीब होता जा रहा है। आज 150 लोगों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है जिन्होंने नोटबंदी के चक्रवात को झेला ! देश की अर्थव्यवस्था और विकास दर को गहरा धक्का लगा। एक ही झटके में लाखों छोटे व्ययसाय ठप्प पड़ गए। करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाई।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि देश इस ‘भीषण त्रासदी’ के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कभी माफ नहीं करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को रात आठ बजे देश को संबोधित करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था। सरकार ने 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे। अब 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर दिया गया है।

रमेश ने एक बयान में कहा, ‘आज से सात साल पहले आठ नवंबर 2016 को रात 8 बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश पर नोटबंदी का प्रहार किया था। एक निर्णय जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी…24 मार्च, 2020 को अनियोजित, अचानक तालाबंदी के साथ एक बार फिर दोहराया गया, जिसके कारण लाखों प्रवासी श्रमिकों को सैकड़ों और हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर वापस जाना पड़ा।’

उन्होंने दावा किया, ‘प्रधानमंत्री द्वारा लोगों की पीड़ा का मजाक उड़ाना, हंसना और यह कहना कि ‘घर में शादी है, पैसा नहीं है’ को कौन भूल सकता है? उन सैकड़ों गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को कौन भूल सकता है जिनकी अपने नोट बदलने के लिए लंबी लाइनों में इंतजार करते-करते मौत हो गई, जबकि अमीर लोग आसानी से अपने बैंक नोट बदलवाने में कामयाब रहे?’ रमेश ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के साथ-साथ जल्दबाजी में लागू की गई जीएसटी ने भारत के रोजगार पैदा करने वाले छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म कर दिया, जिससे 45 साल की बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई और 2013 में अर्थव्यवस्था के पटरी पर आना समाप्त हो गया।’

उनके मुताबिक, ‘नोटबंदी के कारण 2011 के बाद से बनी जीडीपी वृद्धि की गति पूरी तरह उलट गई। भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2011 में 5.2 प्रतिशत से बढ़कर 2016 में 8.3 प्रतिशत हो गई। फिर, विमुद्रीकरण नामक आपदा आई और विकास धीमा होना शुरू हो गया, जो कि कोविड-19 महामारी से ठीक पहले चार प्रतिशत तक पहुंच गया।’

कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, ‘विमुद्रीकरण एक बड़ी गलती थी जो मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में विफल रही – चाहे वह काले धन के प्रसार को कम करना हो, जालसाजी को समाप्त करना हो या भारत को नगदी रहित बनाना हो।’

रमेश ने दावा किया कि भारत इस ‘भीषण त्रासदी’ के लिए प्रधानमंत्री को माफ नहीं करेगा।

राजस्थान में परंपरा टूटेगी, हमारी सरकार बनेगी : पायलट

जयपुर,(भाषा)। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बुधवार को विश्वास जताया कि राजस्थान में हर विधानसभा चुनाव में सरकार बदलने की परंपरा इस बार टूटेगी और प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी।

इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी लोगों का ध्यान विकास के मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रही है।

पायलट ने टोंक में कहा, ‘‘राजस्थान में तीस साल से जो परंपरा चली आ रही है … पांच साल भाजपा, पांच साल कांग्रेस… वह परंपरा टूटने वाली है। लोग केंद्र में भाजपा के दस साल के शासन को देख चुके हैं और वे बदलाव चाहते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा लोगों का ध्यान भटकाने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही है लेकिन हमारा मुद्दा विकास का है। पार्टी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ रही है इसलिए मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि राजस्थान में सरकार हमारी ही बनेगी।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हम भारी बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं, तेलंगाना में भी चौंकाने वाले परिणाम आएंगे और कांग्रेस की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा ‘इन चार पांच राज्यों में भी अगर हमारी सरकार बनती है तो कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) मजबूत होगा। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में यह गठबंधन जीतेगा।’

उल्लेखनीय है कि राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी। पायलट बुधवार को अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं। उन्होंने मेहगांव और शिवपुरी से चुनावी प्रचार का आगाज़ किया।

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