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ग्राउंड रिपोर्ट

कर्नाटक में बिजली कटने से परेशान किसान विद्युत कार्यालय में मगरमच्छ लेकर पहुंचे

विजयपुरा (कर्नाटक)(भाषा)। पूरे देश में अलग-अलग मांगों को लेकर जनता आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करती रहती है। इधर कर्नाटक के विजयपुरा में किसान मगरमच्छ लेकर विरोध करने बिजली विभाग पहुंचे। विजयपुरा में किसानों ने बिजली कटौती के खिलाफ एक असामान्य विरोध प्रदर्शन किया जिसमें वे सरकारी हुबली बिजली आपूर्ति कंपनी (हेसकॉम) के कार्यालय में मगरमच्छ […]

विजयपुरा (कर्नाटक)(भाषा)। पूरे देश में अलग-अलग मांगों को लेकर जनता आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करती रहती है। इधर कर्नाटक के विजयपुरा में किसान मगरमच्छ लेकर विरोध करने बिजली विभाग पहुंचे। विजयपुरा में किसानों ने बिजली कटौती के खिलाफ एक असामान्य विरोध प्रदर्शन किया जिसमें वे सरकारी हुबली बिजली आपूर्ति कंपनी (हेसकॉम) के कार्यालय में मगरमच्छ को लेकर गए।

बिजली की कटौती से किसानों को कृषि गतिविधियों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके विरोध में वे मगरमच्छ लेकर गए। किसानों को दिन में अपर्याप्त बिजली आपूर्ति के कारण रात को खेतों में जाना पड़ता है जिससे उन्हें जंगली जानवरों और सांपों का खतरा होता है।

किसान, जिन्हें खेती करने और सिंचाई के लिए पम्प चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है, लगातार बिजली के न रहने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है कर्नाटक में इस वर्ष कम बारिश होने की वजह से सूखा की स्थिति है, इस वजह से बिजली की खपत पिछले वर्ष  की तुलना में बढ़ गई है।

पिछले सप्ताह एक किसान को उसके खेत में एक मगरमच्छ दिखा। किसान देर रात बिजली आने के बाद फसलों को पानी देने गया था। ग्रामीणों ने बताया कि मगरमच्छ पास की कृष्णा नदी से शिकार की तलाश में आया होगा।

इसके बाद किसान ने तुरंत साथी ग्रामीणों को बुलाया जिन्होंने मगरमच्छ को बांध दिया और 19 अक्टूबर को खतरे का आभास कराने के लिए हेसकॉम (हुबली बिजली आपूर्ति कंपनी) कार्यालय ले गए।

मगरमच्छ को देखकर हेसकॉम के अधिकारी डर गए और उन्होंने पुलिस एवं वन अधिकारियों को सूचना दी। अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वे सुनिश्चित करेंगे कि दिन के समय कोई बिजली कटौती न हो। वन अधिकारियों ने बाद में मगरमच्छ को अलमाटी बांध में छोड़ दिया। समझा जाता है कि मगरमच्छ बांध से ही भटककर खेत में आ गया होगा।

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस साल कम बारिश होने की वजह से कृषि गतिविधियां बाधित हुई हैं। उन्होंने कहा कि बांधों में इतना पानी ही नहीं है कि सिंचाई के वास्ते पानी छोड़ा जा सके। किसान अपने खेत की सिंचाई के लिए बोरवेल पर निर्भर हैं। कृषि के लिए बिजली के अधिक उपयोग के कारण बिजली की किल्लत हो जाती है।

इधर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि प्रदेश बिजली की कमी से जूझ रहा है। प्रदेश में अभी बिजली की मांग 15-16 हजार मेगावाट तक है,जबकि पिछले वर्ष 9-10 हजार मेगावाट तक ही इसकी मांग थी। प्रदेश में अभी इतना उत्पादन नहीं है कि बिजली की पर्याप्त आपूर्ति की जा सके। अन्य राज्यों से बिजली खरीदने के साथ ही प्रदेश  में बिजली उत्पादन कंपनियों से बातचीत कर पर्याप्त  बिजली आपूर्ति करने के प्रयास जारी हैं। सूखा और बारिश की कमी के चलते बिजली की मांग बढ़ी है।

गाँव के लोग
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