केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रपट देख रहा हूं तो दिल्ली में सांसदों, अधिकारियों और जजों की सुरक्षा के लिए 22 हजार जवानों की तैनाती की गई है। यह एक बड़ी संख्या है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों आदि की सुरक्षा में लगे जवानों की संख्या अतिरिक्त है। बिहार की बात करूं तो नीतीश कुमार भले ही 17-18 साल से सीएम हैं, लेकिन जनता से इतने भयभीत रहते हैं कि अपने आसपास तो जवानों को रखते ही हैं, उस राह भी पुलिस के जवानों काे खड़ा कर देते हैं, जिधर से वे गुजरते हैं।
विशेषाधिकार प्राप्त लोगों में हुक्मरान भी शामिल होता है। वे हुक्मरान भी, जो जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं। भारत में तो अब यह चलन ही बन गया है। अभी हाल ही में बिहार के एक टूटपूंजिया नेता उपेंद्र कुशवाहा को बिहार सरकार ने वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी। अब इसका क्या मतलब है, यह तो उपेंद्र कुशवाहा ही जानते होंगे।


नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
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