Friday, April 26, 2024
होमराजनीतिछात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर की कैंपेनिंग, एक फरवरी...

ताज़ा ख़बरें

संबंधित खबरें

छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर की कैंपेनिंग, एक फरवरी को निकलेगा पैदल मार्च

बीएचयू (वाराणसी)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में संवैधानिक व्यवस्था के तहत ओबीसी का 27% आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर पिछले आठ-नौ साल से विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा लगातार आन्दोलन जारी है। लेकिन बीएचयू प्रशासन को पिछड़े वर्ग के छात्रों की हकमारी के अतिरिक्त कुछ दिख ही नहीं रहा है। 10 जनवरी, 2022 […]

बीएचयू (वाराणसी)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में संवैधानिक व्यवस्था के तहत ओबीसी का 27% आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर पिछले आठ-नौ साल से विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा लगातार आन्दोलन जारी है। लेकिन बीएचयू प्रशासन को पिछड़े वर्ग के छात्रों की हकमारी के अतिरिक्त कुछ दिख ही नहीं रहा है। 10 जनवरी, 2022 को बीएचयू प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि छात्रावासों में ओबीसी का 27% आरक्षण लागू करने के लिए बनायी गयी पांच सदस्यीय समिति ने अपनी संस्तुति दे दी है, जिस पर केवल बीएचयू कुलपति का हस्ताक्षर होना बाकी है, जो एक घंटे के अंदर पूरा हो जाएगा। अफसोस की बात है कि शनिवार को बीस दिन पूरा होने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसी कोई सूचना जारी नहीं किया है जिसमें विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने की बात कही गयी हो। विश्वविद्यालय प्रशासन के तानाशाह रवैये और रोज-रोज के वादाखिलाफी से आजिज आकर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने 01 फरवरी, 2022 को बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक पैदल मार्च निकालकर सभा आयोजित करने के लिए घूम-घूमकर कैंपेनिंग शुरू किया है। छात्रा-छात्राओं का आज का कैंपेनिंग व माइक मीटिंग सीर गेट से शुरू होकर छित्तूपुर गेट पर समाप्त हुआ।

[bs-quote quote=”01 फरवरी, 2022 को बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक पैदल मार्च निकालकर सभा आयोजित करने के लिए आज कैंपेनिंग व माइक मीटिंग करने वाले छात्रों ने कहा कि हम लोग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को चेतावनी दे रहे हैं कि जितना जल्द हो सके, विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने का फरमान जारी करें। नहीं, तो उनका भी वही हश्र होगा जो देश के किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल्ली को घेरकर किया था।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]

 

जानकारी के लिए बता दें कि शिक्षण संस्थानों में दाखिला के साथ-साथ छात्रावासों की आवंटन प्रक्रिया में संवैधानिक व्यवस्था के तहत ओबीसी का 27% आरक्षण सन् 2006-07-08 से लागू है, लेकिन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में आज तक ओबीसी आरक्षण लागू नहीं सका है। जबकि ओबीसी फण्ड से 39 छात्रावासों का निर्माण हुआ है जिसमें कम से कम हर साल दस हजार छात्र रह सकते हैं। एक छात्र को विश्वविद्यालय परिसर के बाहर रहने पर किराए के रूप में मकान मालिक को कम से कम औसतन 25000-30000 हजार रुपए देना पड़ता है, जबकि वही छात्र विश्वविद्यालय के छात्रावासों में हजार से दो हजार रुपए में साल भर रह सकता है। यही कारण है कि पिछले आठ-नौ साल से विश्वविद्यालय के पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राएं अपने हक़-हकूक की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन बीएचयू प्रशासन को उनकी हकमारी के अतिरिक्त कुछ नहीं सूझ रहा है।

 01 फरवरी, 2022 को बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लंका गेट तक पैदल मार्च निकालकर सभा आयोजित करने के लिए आज कैंपेनिंग व माइक मीटिंग करने वाले छात्रों ने कहा कि हम लोग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को चेतावनी दे रहे हैं कि जितना जल्द हो सके, विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने का फरमान जारी करें। नहीं, तो उनका भी वही हश्र होगा जो देश के किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल्ली को घेरकर किया था। यदि बीएचयू प्रशासन छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने में देरी करेगा तो हम लोग भी कुलपति आवास व कुलपति कार्यालय का घेराबंदी करेंगे।

आज कैंपेनिंग व माइक मीटिंग में उदय पाल, शुभम सिंह, अभिलाष, विकास आनंद, शशिकांत, युगेश, चंदन सागर, राहुल यादव, आकांक्षा, मारुति मानव, राणा रोहित, राजेश, नागेन्द्र कुमार यादव, रणवीर सिंह यादव, अंकेश, आयुषी सहित सैकड़ों छात्र उपस्थित थे।
गाँव के लोग
गाँव के लोग
पत्रकारिता में जनसरोकारों और सामाजिक न्याय के विज़न के साथ काम कर रही वेबसाइट। इसकी ग्राउंड रिपोर्टिंग और कहानियाँ देश की सच्ची तस्वीर दिखाती हैं। प्रतिदिन पढ़ें देश की हलचलों के बारे में । वेबसाइट की यथासंभव मदद करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

लोकप्रिय खबरें