एक दौर था जब संतोष श्रीवास्तव के गीत आकाशवाणी वाराणसी से गूंजते रहते थे लेकिन कई साल पहले संतोष जी ने गाना छोड़ दिया. आकाशवाणी संग्रहालय में भी उनके वे बेमिसाल गीत अब नहीं हैं. गाँव के लोग चैनल ने उन्हें जब भी आमंत्रित किया तो वे आईं और बातचीत किया. हमारे आग्रह पर कई साल बाद वे साज-बाज के साथ गाने को तैयार हुईं और कई कजरियाँ प्रस्तुत की. उनके साथ हारमोनियम पर हैं योगेन्द्र सिंह, ढोलक पर मोती और मंजीरे के साथ सनी . लीजिये सुनिए – कइसे खेलन जइबे सावन में कजरिया ….. साथ ही चैनल को सब्सक्राइब भी करें .
कइसे खेले जइबु सावन में कजरिया
एक दौर था जब संतोष श्रीवास्तव के गीत आकाशवाणी वाराणसी से गूंजते रहते थे लेकिन कई साल पहले संतोष जी ने गाना छोड़ दिया. आकाशवाणी संग्रहालय में भी उनके वे बेमिसाल गीत अब नहीं हैं. गाँव के लोग चैनल ने उन्हें जब भी आमंत्रित किया तो वे आईं और बातचीत किया. हमारे आग्रह पर कई […]