लेकिन कल जो जुबैर के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुआ वह एक लिहाज से ऐतिहासिक है। ऐतिहासिक इस मायने में कि जस्टिस चंद्रचूड़ ने उत्तर प्रदेश सरकार की इस अपील को खारिज कर दिया कि न्यायालय जुबैर को ट्वीट करने से रोके। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील का कहना था कि जुबैर पत्रकार नहीं हैं और वह स्वयं को ‘फैक्ट चेकर’ कहते हैं। उनके ट्वीट से समाज में गलत असर पड़ता है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने जो कहा, वह वाकई एक नजीर ही है। उन्होंने कहा कि 'हम किसी पत्रकार को लिखने से नहीं रोक सकते हैं।'

मुंगेरी लाल कमीशन के हत्यारों को जानिए (डायरी 20 जुलाई, 2022)
नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।
[…] जस्टिस चंद्रचूड़, कृपया अपने इस वाक्य … […]
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