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ग्राउंड रिपोर्ट

प्रियंका का ‘शक्ति विधान’ क्या मोदी की उज्ज्वला, शौचालय और मुफ्त अनाज का तोड़ है?

विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहु आयामी, महिला सशक्तिकरण की कड़ी में जारी उज्ज्वला योजना, शौचालय, जनधन खाते और मुफ्त अनाज योजना का लंबे समय से तोड़ ढूंढ रहा था। क्या कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री और उत्तर प्रदेश की प्रभारी श्रीमती प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन योजनाओं का तोड़ ढूंढ लिया है […]

विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहु आयामी, महिला सशक्तिकरण की कड़ी में जारी उज्ज्वला योजना, शौचालय, जनधन खाते और मुफ्त अनाज योजना का लंबे समय से तोड़ ढूंढ रहा था। क्या कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री और उत्तर प्रदेश की प्रभारी श्रीमती प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उन योजनाओं का तोड़ ढूंढ लिया है जिन योजनाओं के दम पर भाजपा देश के राज्यों में विधानसभा का और 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़कर कामयाब हुई थी।

जहां एक तरफ भाजपा महिला मतदाताओं को अपनी केंद्र सरकार की फ्री गैस कनेक्शन उज्ज्वला योजना, घर-घर शौचालय की योजना और मुफ्त अनाज से आकर्षित कर रही है वही विपक्ष खासकर कांग्रेस और कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री प्रियंका गांधी शक्ति विधान के नाम पर, महिला शक्ति संवाद कर महिलाओं के हक और अधिकार की बात कर रही हैं। प्रियंका गांधी ने देश की राजनीति में महिलाओं को लेकर एक बहस की शुरुआत तो कर ही दी है ? बहस कितनी गंभीर है और उसका असर भारतीय राजनीति पर कितना गंभीर पड़ेगा, यह तो वक्त बताएगा, मगर देश की महिलाओं को जागरूक करने के लिए प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश से अपना अभियान तो छेड़ ही दिया है। प्रियंका गांधी के द्वारा महिलाओं के हक में उठाई गई आवाज, सत्ता पक्ष भाजपा और देश की विभिन्न पार्टियों के लिए भविष्य की चुनौती बनती दिखाई दे रही है।  प्रियंका गांधी के सामने महिला शक्ति विधान अभियान चुनौती से कम नहीं था और है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी केंद्र सरकार ने महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं देशभर में चला रखी हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं पर राजनीतिक रूप से प्रियंका गांधी का महिला और युवा मुद्दा कैसे भारी रहे, इसके लिए प्रियंका गांधी ने सबसे पहले महिलाओं को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40% पार्टी का टिकट देने की घोषणा की, और 40% महिलाओं को सरकारी और गैर सरकारी नौकरी यदि कांग्रेस की सरकार बनी तो देने की घोषणा की।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव मैं कांग्रेस ने महिलाओं के लिए अपना अलग घोषणापत्र बनाया है। उत्तर प्रदेश में पढ़ाई कर रही लड़कियों के लिए स्कूटी देने की घोषणा भी कांग्रेस ने की है।

यही नहीं कांग्रेस ने 40% महिलाओं को विधानसभा चुनाव लड़ाने की घोषणा की और अपने महिला प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए स्कूटी देकर, अपने वादे का श्रीगणेश करने जा रही है। महिला सशक्तिकरण अभियान मैं प्रियंका गांधी की खास बात यह दिखाई दे रही है कि जब पत्रकार उनसे भाजपा और अन्य पार्टियों के संदर्भ में महिलाओं के लिए की जा रही घोषणाओं की बात करते हैं तब प्रियंका गांधी भाजपा और अन्य पार्टियों की आलोचना नहीं करती हैं बल्कि स्वागत करती हैं और कहती हैं की उनके महिला शक्ति संवाद अभियान के कारण विभिन्न राजनीतिक दल महिलाओं के प्रति जागरूक होने लगे हैं, यह अच्छी बात है, और यही हमारे अभियान की एक सफलता है जिसके कारण भाजपा और अन्य दल महिलाओं के हित में बात करने लगे हैं।

[bs-quote quote=”एक तरफ भाजपा महिला मतदाताओं को अपनी केंद्र सरकार की फ्री गैस कनेक्शन उज्जवला योजना, घर-घर शौचालय की योजना और मुफ्त अनाज से आकर्षित कर रही है वही विपक्ष खासकर कॉन्ग्रेस और कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री प्रियंका गांधी शक्ति विधान के नाम पर, महिला शक्ति संवाद कर महिलाओं के हक और अधिकार की बात कर रही हैं।” style=”style-2″ align=”center” color=”” author_name=”” author_job=”” author_avatar=”” author_link=””][/bs-quote]

प्रियंका गांधी का महिला शक्ति संवाद उत्तर प्रदेश चुनाव में क्या और कितना असर दिखाता है, यह तो वक्त बताएगा मगर प्रियंका गांधी का यह अभियान 2024 में कांग्रेस की तरफ से एक बड़ा अभियान होगा ? जिस की सुगबुगाहट अभी से सुनाई देने लगी है। प्रियंका गांधी के द्वारा चलाए जा रहे महिला सशक्तिकरण अभियान की अभी शुरुआत ही हुई है, चंद दिनों में ही उनका यह अभियान देश के राजनीतिक पटल पर चर्चा का विषय बन गया है। जबकि लोकसभा चुनाव होने में अभी 2 साल का वक्त बाकी है यदि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद अपने इस अभियान को निरंतर जारी रखा तो 2024 के लोकसभा चुनाव में महिला शक्ति विधान बहुत बड़ा मुद्दा बनता हुआ दिखाई देगा ?

 देवेंद्र यादव कोटा स्थित वरिष्ठ पत्रकार हैं। 

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