
गौरतलब है कि सीमा आज़ाद ने अपनी गिरफ्तारी के बाद नैनी जेल स्त्री अपराधियों की त्रासद जिंदगी को बहुत नजदीक से देखा। उनसे बात करते हुये उन्होंने पाया कि उनमें से अनेक महिलाएं बिना किसी संगीन अपराध के भी सज़ा पाई। ऐसी 27 महिलाओं की जिंदगी की कहानियों को उन्होंने दर्ज़ किया जिसे अगोरा प्रकाशन ने औरत का सफर : जेल से जेल तक शीर्षक से छापा। यह किताब बहुत चर्चित हुई और खूब पढ़ी गई।
जाहिर है कि लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवार्ड फॉर जेंडर सेंसिटिव्हिटी देश के उन मीडियाकर्मियों को दिया जाता है जो कि प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, न्यूज पोर्टल, ब्लॉग, वेबसाईट, रेडियो प्रोग्राम, कम्युनिटी मीडिया, फिल्म, किताब, विज्ञापन, डाक्युमेंट्री आदि 23 कैटेगरी यानी मीडिया के किसी भी माध्यम के जरिए समाज में लैंगिक संवेदनशीलता का प्रसार एवं लैंगिक समानता, लैंगिक न्याय की बात करते हैं। देश में लैंगिक उत्पीड़न और लैंगिक असमानता के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ उठाते हैं।
अगर आप यह किताब पढ़ना चाहते हैं तो अगोरा प्रकाशन को सीधे 9479060031 पर फोन करके मंगा सकते हैं। इसकी कीमत मात्र 120/- रुपए है जो बिना अतिरिक्त डाकखर्च के आप तक पहुंचा दी जाएगी।