जातीय आग में जलते हुये मणिपुर की हिंसक घटनाएँ थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। सरकार की तथाकथित कोशिश इतनी बौनी साबित हो रही हैं कि अब देश के मुख्य न्यायाधीश को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा है। हिंसा और आगजनी के बाद अब जिस तरह से मणिपुर से यौन हिंसा के मामले सामने आए हैं वह बेहद भयावह हैं। एक यौन हिंसा मामले का वीडियो वायरल हो जाने के बाद जहां देश को दुनिया के सामने शर्मसार होना पड़ा है, वहीं मणिपुर की त्रासदी का बेहद अमानवीय चेहरा भी दुनिया के सामने आ गया है। इस वीडियो को लेकर बताया जा रहा है कि यह चार मई की घटना है। गाँव के मुखिया द्वारा पुलिस को दिये विवरण के अनुसार 4 मई को दिन में तीन बजे के करीब मैतई समुदाय की एक बड़ी भीड़, जिसमें हजार के आस-पास लोग शामिल थे तमाम आटोमैटिक हथियारों के साथ उनके गाँव बी फीनोम आई। उन्होने लूट-पाट करने के बाद गाँव में आग लगा दी।
भीड़ से जान बचाने के लिए 3 महिलाएं और 2 पुरुष पुलिस के सहयोग से वहाँ से भागने का प्रयास करने लगे। लेकिन भीड़ ने इन्हें जबरन रोक लिया और पुलिस के कब्जे से अपने कब्जे में ले लिया। 56 साल के आदमी को वहीं पर भीड़ द्वारा मार दिया गया जबकि तीनों महिलाओं के कपड़े फाड़ दिये गए और पूरी तरह से निर्वस्त्र करने के बाद इनका जुलूस निकाला गया और उन्हें प्रताड़ित कराते हुये उनका वीडियो बनाया गया। बाद में हिंसक भीड़ द्वारा 21 साल की एक लड़की का उसके भाई के सामने ही गैंगरेप किया गया। विरोध करने पर उस लड़की के 19 साल के भाई की भी हत्या कर दी गई। तीनों महिलाएं इतनी अमानवीय यातना के बाद किसी तरह से वहाँ से भाग निकली।
मनुष्यता को कलंकित करने वाली यह घटना इतनी शर्मनाक है कि अब हर तरफ मणिपुर और राज्य सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि घटना के बारे में जानकार वह स्तब्ध हैं और यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि अब सरकार अपने प्रयासों से जानकारी कोर्ट को उपलब्ध कराये और तत्काल कार्यवाई करते हुये इस हिंसा पर रोक लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार निश्चित समय सीमा के अंदर यदि कार्रवाई करने में समर्थ नहीं हुई तो वह खुद इस पर एक्शन लेंगे। उन्होंने पूरे प्रकरण पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि महिलाओं को हिंसा में उपकरण की तरह इस्तेमाल करना मानवाधिकार और संवैधानिक उल्लंघनों में से सबसे बड़ा उल्लंघन है।
Take quick action, otherwise we'll step in 🔥 – SC#नरेंद्र_मोदी_इस्तीफा_दो #ManipurViolence pic.twitter.com/AF905bCLuO
— Mr. R Gandhi 🇮🇳 (@Mr_RGandhi) July 20, 2023
विपक्ष की तरफ से सरकार के खिलाफ बयानबाजी तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर आम आदमी का आक्रोश भी देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर पहली बार नरेंद्र मोदी इस्तीफा दो ट्रेंड कर रहा है।
मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है।
हम सभी को मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2023
#मणिपुर की घटना शर्मसार करने वाली ह। हृदय द्रवित है।यूक्रेन-रूस के युद्ध को रूकवाने वाले आज अपने ही देश में पिछले 60+ दिनों से जल रहे मणिपुर को क्यों नहीं बचा रहे।अगर ये सरकार दोबारा सत्ता में आई तो ये ऐसे ही पुरे देश में दंगे कराएंगी- सत्यपाल मलिक (पूर्व गवर्नर) #ManipurViolence pic.twitter.com/wXemquXSu5
— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) July 20, 2023
दो महीने से लंबी अवधि से जारी इस हिंसा के बीच यह अमानवीय वीडियो वायरल होने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। मानसून सत्र के लिए संसद जाते समय उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुये इस मामले पर पहली बार अपनी बात रखी और बोले कि, मणिपुर के हालात देखकर मेरा हृदय दुख और क्रोध से भरा हुआ है। किसी भी तरह की हिंसा को बातचीत से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने यह कृत्य किया है, उन्हें माफ नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
इस प्रकरण पर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का बहुत ही असंवेदनशील बयान आया है उन्होंने कहा है कि ‘इस तरह की घटनायें रोज घट रही हैं, बहुत लोग मारे गए हैं। हजारों एफ़आईआर दर्ज हुई है और लोगों को बस एक केस दिख रहा है जबकि यहाँ सैकड़ों सिमिलर केस हैं।
उन्होंने वायरल वीडियो को लेकर कहा कि हमने वीडियो देखा और मुझे यह बहुत बुरा लगा। यह मानवता के खिलाफ अपराध है। उन्होंने बताया कि पुलिस जल्द से जल्द दोषियों को गिरफ्तार करेगी।
फिलहाल वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने एक अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है, शेष को पहचानने की कोशिश जारी है।
फिलहाल महिलाओं के साथ यह घटना निंदनीय है और ढाई महीने से जारी इस हिंसा को रोक पाने में सरकार और उसकी एजेंसियां पूरी तरह से नाकाम साबित हुई हैं। इस घटना को लेकर सरकार के खिलाफ मणिपुर के लोगों ने आज एक बड़ा प्रदर्शन किया है। इस घटना ने उस कथा की भी स्मरण करा दिया है। आखिर देश को कितनी बार धृतराष्ट्र के अंधेपन का शिकार होना होगा।
We stand with the persecuted tribal people of #Manipur. pic.twitter.com/qBU7yBvdpD
— Tribal Army (@TribalArmy) July 20, 2023
मैतई समुदाय द्वारा कुकी समुदाय की महिलाओं के साथ इस तरह की बर्बर घटनाओं के पीछे कुछ फेक न्यूज की भी बड़ी भूमिका है। इस शर्मनाक कृत्य को लेकर सरकार ही नहीं बल्कि गोदी मीडिया भी चुप है। इतनी पीड़ादायक घटना के बाद भी अगर मीडिया और इस देश की जनता अब भी सरकार से जवाब तलब नहीं करती तो कबीर के शब्दों में यह कहा जा सकता है कि साधो यह मुर्दों का गाँव।
कुमार विजय गाँव के लोग डॉट कॉम के एसोसिएट एडिटर हैं।