राजनीतिक और सांस्कृतिक ‘सुट्टा’ (डायरी 6 जुलाई, 2022)
नवल किशोर कुमार
सुप्रीम कोर्ट के इन दो न्यायाधीशों का विरोध करनेवाले 70 से अधिक महान महानुभावों का कहना है कि खंडपीठ की टिप्पणी न्यायिक लोकाचार के अनुरूप नहीं थी और सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी। इनके मुताबिक नुपूर शर्मा को सभी मामलों के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।


द्विज कमाल के चोर हैं। जब मैं उन्हें चोर कह रहा हूं तो मेरा आशय उनके इस गुण से है कि वह बड़ी खूबसूरती से दूसरों की अच्छाई पर कब्जा कर लेते हैं। शंकर का बिंब भी उनका ओरिजनल बिंब नहीं है। गोंड संस्कृति में संभूसेक एक पुरखा के रूप में उल्लेखित हैं। एक ऐसे पुरखा जो अपने लोगों के राजा हैं। वह बहादुर हैं। वह चांद को अपने माथे पर धारण करता है। नदियों का वह सबसे बड़ा संरक्षक है और इतना कि उसे सर्वोपरि मानता है। संगीत का स्वर जब उसके डमरू से निकलता है तो पूरा जंगल-पहाड़ नाच उठता है। ऐसे शंकर पर यदि द्विज कन्याएं गौरा और पार्वती रिझ गयीं तो आश्चर्य कैसा।
जातिवाद की रात में धकेले गए लोग जिनका दिन में दिखना अपराध है
नवल किशोर कुमार फ़ॉरवर्ड प्रेस में संपादक हैं।