Saturday, July 27, 2024
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शांति निकेतन में लगी पट्टिकाओं पर टैगोर का नाम नहीं होने से चढ़ा सियासी पारा

कोलकाता (भाषा)। विश्वविद्यालय के प्राधिकारियों द्वारा हाल में संगमरमर की पट्टिकाएं लगाए जाने के बाद एक बड़ा विवाद शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति निकेतन को यूनेस्को के धरोहर स्थल का दर्जा देने से संबंधित पट्टिका पर विश्व भारती विश्वविद्यालय के संस्थापक रवींद्रनाथ टैगोर का नाम नहीं होने के […]

कोलकाता (भाषा)। विश्वविद्यालय के प्राधिकारियों द्वारा हाल में संगमरमर की पट्टिकाएं लगाए जाने के बाद एक बड़ा विवाद शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति निकेतन को यूनेस्को के धरोहर स्थल का दर्जा देने से संबंधित पट्टिका पर विश्व भारती विश्वविद्यालय के संस्थापक रवींद्रनाथ टैगोर का नाम नहीं होने के चलते शनिवार को केंद्र से इसे (पट्टिका) हटाने का अनुरोध किया। बनर्जी ने कहा कि पट्टिका पर टैगोर का नाम नहीं होना नोबेल पुरस्कार विजेता का अपमान है।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने शांति निकेतन – विश्व भारती में एक विश्व धरोहर स्थल (अब यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त) बनाया। विश्वविद्यालय के वर्तमान प्राधिकारियों ने इस संबंध में ऐसी पट्टिका लगाई है, जिसमें कुलपति का नाम भी प्रदर्शित किया गया है, लेकिन गुरुदेव का नाम नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह टैगोर का अपमान है और हमारे राष्ट्र के संस्थापकों के उपनिवेशवाद विरोधी विरासत-निर्माण प्रयासों को कमतर करता है। केंद्र सरकार को उचित सलाह दी जाएगी कि वह इस आत्ममुग्ध प्रदर्शन को तुरंत हटाए और गुरुदेव को वह श्रद्धांजलि दे, जिसके लिए देश उनका ऋणी है।’

केंद्रीय विश्वविद्यालय के विशाल परिसर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित पट्टिकाओं पर विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के नाम का जिक्र है, लेकिन गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का उल्लेख नहीं है, जिन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) ने 17 सितंबर को शांति निकेतन को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था।

बनर्जी ने पट्टिकाओं में रवींद्रनाथ टैगोर का नाम अंकित नहीं करने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारियों की गुरुवार को आलोचना की थी और चेतावनी दी थी कि यदि शुक्रवार सुबह तक पट्टिकाओं को नहीं बदला गया तो शांतिनिकेतन में प्रदर्शन किया जाएगा। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने पट्टिकाएं नहीं हटाए जाने पर शुक्रवार को विश्वभारती विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन शुरू किया था।

विश्वभारती ने कहा है कि यह पट्टिका अस्थायी है तथा स्थायी पट्टिकाओं में यूनेस्को द्वारा लिखी गयी बातों को शामिल किया जाएगा।

केंद्रीय विश्वविद्यालय के विशाल परिसर में विभिन्न स्थानों पर स्थापित पट्टिकाओं पर विश्वविद्यालय के पदेन कुलाधिपति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के नाम उल्लेखित हैं, लेकिन गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का उल्लेख नहीं है, जिन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। विश्व भारती विश्वविद्यालय ने गत बुधवार को कहा था कि शांतिनिकेतन को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दर्शाने वाली जिस पट्टिका पर विवाद हुआ है, वह इस स्थल को चिह्नित करने के लिए सिर्फ एक अस्थायी पट्टिका है। विश्व भारती की प्रवक्ता महुआ बंद्योपाध्याय ने पीटीआई- से कहा था, यह धरोहर स्थल को चिह्नित करने के लिए बनाई गई पूरी तरह से एक अस्थायी संरचना है।

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पानी की बोतल खरीदने को लेकर दुकानदार से हुए झगड़े में एक व्यक्ति की मौत

कोलकाता। गिरीश पार्क इलाके में पानी की बोतल खरीदने को लेकर एक दुकानदार के साथ कथित तौर पर हुए झगड़े के बाद एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि घटना शुक्रवार शाम की है, जब दो भाई चाय की एक दुकान पर गए थे, तभी बोतलबंद पानी खरीदने को लेकर बहस हो गई और दोनों ने दुकानदार पर हमला कर दिया।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘दोनों भाइयों ने दुकानदार को कथित तौर पर लोहे की रॉड से पीटा। आपसी झगड़े में तीनों घायल हो गए।’’

मृतक की पहचान लेक टाउन इलाके के रहने वाले 20 वर्षीय आकाश प्रताप कुरी के रूप में की गई है, जिसने शनिवार को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

अधिकारी के अनुसार, मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि आकाश के भाई चंदन को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच जारी है।

राशन ‘घोटाले’ में पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री के सहयोगियों से ईडी ने की पूछताछ

कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के सहयोगियों से शनिवार को पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

मलिक (66) वर्तमान में राज्य के वन मंत्री हैं। 2011 से 2021 तक वह खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री थे। उन्हें करोड़ों रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में शुक्रवार तड़के गिरफ्तार किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि मलिक के पूर्व निजी सहायक अमित डे और उनके करीबी सहयोगी अभिजीत दास से जांचकर्ताओं ने शनिवार को पूछताछ की। उन्होंने बताया कि दास से उस डायरी के बारे में पूछताछ की गई, जो हावड़ा में उनके आवास से तलाशी के दौरान जब्त की गई थी।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘डायरी में कुछ लेन-देन का ब्योरा है। इसमें फंड को अन्यत्र भेजने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न फर्जी कंपनियों के नाम भी हैं।”

उन्होंने बताया कि डायरी के कवर पर और उसके अंदर के कुछ पन्नों पर ‘बालू’ लिखा हुआ है। ईडी अधिकारी ने कहा, ‘हम दास से ‘बालू’ की पहचान के बारे में पूछताछ कर रहे हैं और यह भी जानना चाहते हैं कि वह यह डायरी क्यों रख रहे थे। उनसे उनके बैंक खातों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है और वह मंत्री के साथ कैसे जुड़े हुए हैं। मलिक को राज्य के राजनीतिक हलकों में उनके लोकप्रिय उपनाम ‘बालू’ के नाम से जाना जाता है।

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