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सहपाठी के साथ कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तथा तेलंगाना की अन्य खबरें

हैदराबाद (भाषा)।  इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज यूनिवर्सिटी (ईएफएलयू) के कई छात्रों ने सोमवार को एक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कथित रूप से एक छात्रा पर किये गये यौन हमले का मुद्दा उठाया और न्याय की मांग की। एक बयान में 18 अक्टूबर को परिसर में यौन हमले की […]

हैदराबाद (भाषा)।  इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज यूनिवर्सिटी (ईएफएलयू) के कई छात्रों ने सोमवार को एक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कथित रूप से एक छात्रा पर किये गये यौन हमले का मुद्दा उठाया और न्याय की मांग की।

एक बयान में 18 अक्टूबर को परिसर में यौन हमले की घटना के बाद प्रशासनिक उदासीनता का और जवाबदेही नहीं होने का आरोप लगाया गया और छात्रों ने पीड़िता के लिए न्याय और अपराधियों की गिरफ्तारी सहित अन्य मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन और क्रमिक भूख हड़ताल करने का फैसला लिया है। छात्रों ने कहा कि हड़ताल शुरू होने से पहले ही पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से सात छात्रों को हिरासत में ले लिया।ईएफएलयू के वरिष्ठ प्रशासनिक पदाधिकारियों ने मुख्य द्वार पर छात्रों के साथ बातचीत की और उनसे अपना आंदोलन बंद करने की अपील की।

बीआरएस नेता कविता ने पिछड़ा वर्ग की जनगणना नहीं कराने के लिए की भाजपा की आलोचना

  तेलंगाना में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस)की नेता के. कविता ने केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार की पिछड़ा वर्ग की जनगणना नहीं कराने, विधानमंडलों में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं देने और पिछड़ा वर्ग से जुड़े लोगों के कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन नहीं करने के लिए आलोचना की।

कविता ने कहा कि विधानसभाओं में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की मांग करने वाला एक प्रस्ताव तेलंगाना विधानसभा में पहले पारित किया गया था और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पिछड़ा वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए एक विशेष मंत्रालय स्थापित करने की मांग की थी।

निजामाबाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कविता ने भाजपा के उस वादे के लिए उसकी आलोचना की कि अगर पार्टी चुनाव के बाद राज्य की सत्ता में आई तो तेलंगाना का मुख्यमंत्री पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले किसी व्यक्ति को बनाया जाएगा। कविता ने कहा यह महज ‘खोखला राजनीतिक नारा’ है। उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा के साथ ही सभी पार्टियां पिछड़ा वर्ग के प्रति काफी स्नेह दिखा रही हैं। कविता ने कहा, ‘ लेकिन तेलंगाना की जनता समझदार है और वह विचार करेंगे कि जब चुनाव नहीं थे तक पिछड़ा वर्ग के प्रति किसने प्यार दिखाया।’

तेलंगाना चुनावसे पहले भाजपा ने बीआरएस सरकार के खिलाफ ‘आरोपपत्र’ जारी किया

   तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के खिलाफ एक ‘आरोपपत्र’ जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावा किया कि लोगों में गुस्सा है कि बीआरएस सरकार ने उन्हें धोखा दिया है। जावड़ेकर तेलंगाना में पार्टी के चुनाव प्रभारी भी हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना का गठन इसलिये नहीं किया गया था कि भ्रष्टाचार, पारिवारिक राजनीति में शामिल होने और रोहिंग्या या आतंकवाद, शराब और मादक पदार्थ से जुड़ी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखने को मिले। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को ‘आतंकी तत्वों’ को गिरफ्तार करने के लिए राज्य में आना पड़ा।

जावड़ेकर ने कहा, ‘सरकार का कर्तव्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना और चरमपंथी गतिविधियों में शामिल लोगों को गिरफ्तार करना है। दुर्भाग्य से, राज्य सरकार द्वारा ऐसा नहीं किया गया है। कई बार एनआईए को आकर दोषियों को गिरफ्तार करना पड़ा है।’

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