विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने सात अक्टूबर को आवेदन खारिज कर दिया था। आदेश का विवरण शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया। यह दूसरा मामला है, जब अदालत ने उस गवाह को वापस बुलाने संबंधी पुरोहित की याचिका खारिज कर दी है, जिसकी गवाही 11 महीने से अधिक समय पहले पूरी हो चुकी थी।
पुरोहित की ओर से पेश वकील अमित घाग ने कहा था कि पिछला आवेदन अदालत ने मुख्य रूप से इस आधार पर खारिज कर दिया था कि रिकॉर्ड पर कोई दस्तावेज दाखिल नहीं किया गया था।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसल ने इस आधार पर याचिका का विरोध किया कि आरोपी का अनुरोध पहले ही इस अदालत द्वारा खारिज कर दिया गया है।
विशेष न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘एक ही कारण से लगातार आवेदन की अनुमति नहीं दी जा सकती है और यदि इसकी अनुमति दी जाती है तो यह इस अदालत द्वारा पारित पहले के आदेश को वापस लेने के समान होगा।’
उन्होंने कहा, ‘याचिका में कोई दम नहीं है और यह मुकदमे को लंबा खींचने के लिए दायर की गई है।’
मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के निकट एक मोटरसाइकिल में बंधे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गये थे।
मुंबई (भाषा)। यहां की एक विशेष एनआईए अदालत ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की एक गवाह को वापस बुलाने के अनुरोध संबंधी याचिका खारिज कर दी और कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है और यह ‘मुकदमे को लंबा खींचने’ के लिए दायर की गई थी।