मणिपुर दौरे पर गए राहुल गांधी ने इंफाल से लौटने के बाद समान विचारधारा वाले पार्टी नेताओं और नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मणिपुर को शांति की जरूरत है। साथ ही राहत शिविरों में दवाओं और अन्य जरूरी चीजों की भी आवश्यकता है। सरकार को इन संकटों से उबरने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल अनुसुइया उइके और उनके साथ कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और कई पूर्वोत्तर राज्यों के एआईसीसी प्रभारी अजॉय कुमार से भी मुलाकात की।
राहुल गांधी ने राज्यपाल से मुलाकात करने बाद कहा कि वह और उनकी पार्टी राज्य में शांति और और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। राज्यभवन के सामने राहुल गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘मैं चाहता हूं कि पहले शांति बहाल हो। मैंने कुछ राहत शिविरों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। इन राहत शिविरों में दवाओं और अन्य आवश्यक चीजों की कमी है, सरकार को कदम उठाना चाहिए।”
When Mohabbat dares to face Hatred, MIRACLES happen. pic.twitter.com/HlRjElybih
— Congress (@INCIndia) July 1, 2023
राहुल गांधी ने सभी समुदायों और नेताओं से मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हिंसा करने से कोई नतीजा नही निकलेगा।
बाद में राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘मैं मणिपुर के लोगों का दर्द साझा करता हूं। यह एक भयानक त्रासदी है। यह मणिपुर के सभी लोगों और भारत के लोगों के लिए भी अत्यंत दुखद और दर्दनाक है। मैं शिविरों में गया और सभी समुदायों के लोगों से मिला। एक बात जो मैं सरकार से कहूंगा वह यह कि शिविरों में बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है। खानेपीने की चीजें और दवाओं की आपूर्ति की जानी चाहिए। शिविरों से ऐसी शिकायतें आई हैं।’
“मैं मणिपुर में हर किसी से अपील करूंगा कि हमें शांति की जरूरत है। मेरी सभी से पुरजोर अपील है कि हिंसा से किसी को कुछ नहीं मिलेगा। शांति ही आगे बढ़ने का रास्ता है और हर किसी को अब शांति के बारे में बात करनी चाहिए और उसकी ओर बढ़ना शुरू करना चाहिए।”
“मैं राज्य में शांति लाने के लिए हर संभव मदद करूंगा। मैं मणिपुर के सभी लोगों से प्यार करता हूं ।” मणिपुर पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी द्वारा रोके जाने के एक दिन बाद, कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले के मोइरांग में राहत शिविरों का भी दौरा किया था, जहां उन्होंने जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात की थी।
आपका दर्द बांटने आया हूं… pic.twitter.com/ZMI3PZhU2X
— Congress (@INCIndia) June 30, 2023
इससे पहले गुरुवार को भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने चुराचांदपुर और इंफाल पश्चिम जिले में राहत शिविरों का दौरा किया था, जहां विस्थापित लोगों ने हिंसा के मद्देनजर शरण ली है। 3 मई से शुरू हुई हिंसा में अब तक 120 लोग मारे गए हैं, 400 से अधिक घायल हुए हैं। बड़ी संख्या में लोगों के घर जलाए गए हैं, संपत्तियां लूटी गई हैं।
कीशम मेघचंद सिंह ने मीडिया को बताया कि दोनों जिलों में राहुल गांधी ने लोगों की परेशानी सुनी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंफाल के राहत शिविर में ही रात का खाना खाया।
इससे पहले राहुल गांधी जब गुरुवार को सड़क मार्ग से बिष्णुपुर के लिए रवाना हुए थे तब उनके काफिले को बिष्णुपुर के एसपी हेइसनाम बलराम सिंह के नेतृत्व में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने कानून और व्यवस्था का हवाला देते हुए इम्फाल से लगभग 20 किमी दूर रोक दिया। राहुल गांधी से मिलने की मांग कर रही महिला प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन के सामने पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
राहुल गांधी ने बाद में ट्वीट किया, मैं मणिपुर के अपने सभी भाइयों और बहनों से मिलने आया हूं। सभी समुदायों के लोग बहुत प्यार करने वाले हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही है। मणिपुर को हीलिंग टच की जरूरत है। शांति ही हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए।
I came to listen to all my brothers and sisters of Manipur.
People of all communities are being very welcoming and loving. It’s very unfortunate that the government is stopping me.
Manipur needs healing. Peace has to be our only priority. pic.twitter.com/WXsnOxFLIa
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 29, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े समेत तमाम शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने मणिपुर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निर्देश पर मणिपुर पुलिस ने राहुल गांधी को बिष्णुपुर जिले का दौरा करने से रोक दिया।
Shri @RahulGandhi’s convoy in Manipur has been stopped by the police near Bishnupur.
He is going there to meet the people suffering in relief camps and to provide a healing touch in the strife-torn state.
PM Modi has not bothered to break his silence on Manipur. He has left…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 29, 2023
गौरतलब है कि 3 मई को मैतेई और कुकी जातियों के बीच शुरू हुई हिंसा में अब तक कम से कम 120 लोग मारे गए हैं और 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जातीय हिंसा में बड़ी संख्या में संपत्तियां, घर, वाहन और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान नष्ट हो गए हैं।
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