प्रजातंत्र की रक्षा के लिए हमेशा लड़ता रहता है आंचलिक पत्रकारः विनीत
विजय विनीत ने कहा कि किसानों और कामगारों की व्यथा-कथा जानने और उसके गांवों को राह दिखाने में आंचलिक मीडिया से ही अब कुछ उम्मीदें रह गई हैं। तमाम मुश्किलों के बावजूद आंचलिक पत्रकार डटकर खबरें लिखते हैं। चाहे शोषित समाज के साथ दुर्व्यवहार का मामला हो, खराब मूलभूत सुविधाएं हों, नरेगा की जांच पड़ताल हो, पंचायतों के काम करने के तरीके पर टिप्पणी हो, या फिर सूखे की मार से परेशान किसानों और आम आदमी की समस्या हो। इसके बावजूद सबसे ज्यादा दमन और उत्पीड़न आंचलिक पत्रकारों का किया जा रहा है।
आंचलिक पत्रकार, ग्रामीण विकास की धुरी है। अंधेरी झोपड़ी व भूखे पेट की कसक को अपनी संपूर्ण क्षमता से उजागर करता है। साथ ही सत्य की रक्षा करता है। आंचलिक पत्रकारों का जीवन बेहद कठिन होने के बावजूद अपने पथ से कभी डिगता नहीं।