मोहनसराय में हाइवे का सीवरेज उफनने से ग्रामीणों में आक्रोश

भुवाल यादव, विशेष संवाददाता, गाँव के लोग डॉट कॉम

0 575

यूपी की सरकार पिछले चार सालों से चिल्ला-चिल्लाकर कह रही कि सड़कें गड्ढा मुक्त हो गयी हैं। शेष गड्ढे जो किसी कारण वश बन जाते हैं, उन्हें बरसात के बाद जल्द ही पाट दिया जायेगा। किंतु आप शहरी क्षेत्रों या ग्रामीण क्षेत्रों की मुख्य सड़कों के अलावा दूसरी जगह चले जाइए तो सड़कों की स्थिति कुछ अलग ही है। कहीं सड़क में गड्ढे हैं तो कहीं गड्ढे में सड़क। कहीं-कहीं तो बनने के कुछ ही दिनों बाद सड़कें भ्रष्टाचार की पोल खोलना शुरू कर देती हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भी इससे अछूता नहीं रहा है। हालिया जो खबर है, वह यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण-19 की सीवरेज समस्या को लेकर मोहनसराय के ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। मोहनसराय-अदलपुरा वाया मातलदेई मार्ग पर मोहनसराय स्थित हाईवे का नाला जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गया है और सफ़ाई के अभाव में ग्रामीणों के आरोप के मुताबिक गाँव में विगत दो साल से ओवरफ़्लो होकर अफना रहा है। समस्या के समाधान नहीं होने से नाराज़ ग्रामीणों ने मोहनसराय सड़क पर बहते गंदे पानी के बीच खड़ा होकर ज़ोरदार तरीके से धरना दिया। ग्रामीणों के अनुसार उक्त सीवरेज की समस्या दो साल पुरानी है। इस समस्या को गंभीरता से न स्थानीय प्रशासन ले रहा और न ही सड़क प्राधिकरण। मजे की बात यह भी है कि अभी कुछ ही दिन पहले इस सड़क का नया नाम दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पटेल बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण वोट लेने के लिए बीजेपी वालो ने इस सड़क का नाम ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल मार्ग’ रख दिया है, लेकिन सच क्या है; यह किसी से बताने की जरूरत नहीं है। तस्वीरें सब कुछ बयां कर रही हैं।

मोहनसराय में सीवेज की समस्या से परेशान होकर विरोध प्रदर्शन करते ग्रामीण

लोगों ने कहा कि कि मोहनसराय- हंडिया राजमार्ग क्षेत्र की सबसे व्यस्त चौराहा होने के बावजूद यहाँ उपर्युक्त मार्ग पर सीवरेज बहने से समस्या से त्राहि-त्राहि मचा है। उन्होंने इस समस्या को लेकर आलाधिकारियों तक गुहार लगायी किंतु आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ। स्थिति यह पैदा हो चुकी है लोगों का इस इलाके में रहना एक तरह से मुसीबत बन चुका है। शादी विवाह आदि हेतु समस्या हो रही है विगत दो साल से यहाँ एक भी बारात नहीं आया मजबूरन लोगों को शादी विवाह आदि कार्यक्रमों के लिए लान में जाना पड़ रहा है यही हालत रहेगा तो लोग यहां से पलायन करने को विवश होंगे, कारण सीवरेज व टूटी सड़क। काफी लोग पहले पलायन कर चुके हैं।

लोगों का कहना था कि दस मिनट की बारिश से पूरा इलाका गंदे पानी से भर जाता है। गंदा पानी लोगों के घरों में घुसने लगता है। इससे बीमारियाँ भी फैल रही हैं। सड़क ख़राब होने से दुर्घटनाएं बढ़ गयी हैं, तो वहीं दुकान-धंधा भी चौपट होता जा रहा है। उक्त समस्या की जानकारी प्रशासन के कानों तक पहुंच चुकी है, इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से कोई अधिकारी आजतक नहीं आया।

ग्रामीणों ने हाई-वे प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए चेतावनी दिया कि यदि प्रशासन 72 घंटे के अंदर स्थायी रूप से समस्या का हल नहीं निकालता है तो हमारा धरना व्यापक रूप ले लेगा। प्रदर्शन के दौरान योगीराज सिंह पटेल, ललित यादव, मनोज राठौर, त्रिपुरारी, रामबली, अजय, लालजी, अनिल, पिंटू, सोनू, आशीष, रवि, कमला, धीरज, सुभाष, उमाशंकर, कल्लू, दीलिप, जयप्रकाश, नरेश, राजेश, विजय आदि मौजूद थे।

सिकंदरपुर (बलिया) में भी सड़क बनते ही उखड़ने पर ग्रामीण ने किया विरोध

सिकंदरपुर (बलिया) विधानसभा में मेऊली-रतसड़ लिंक रोड कई सालो बाद निर्माण होने के चार दिन बाद ही पीछे से उखड़ना शुरू हो गयी है, जिससे नाराज ग्रामीणों ने विरोध किया। ग्रामीणों के विरोध के उपरांत सड़क बनाने वाली कंपनी ने उखड़ती सड़क पर पीछे से चेपी साटना शुरू कर दी। कंपनी और ठेकेदार का सड़क के प्रति उदासीन रवैए देखते हुए फिर निर्माण कार्य बन्द करा दिया। अगले दिन 21 नवंबर को जेई-ठेकेदार दोनों मौके पर पहुंचे। जेई-ठेकेदार को देखते ही ग्रामीणों ने काफी विरोध-प्रदर्शन किया। गहमागहमी व बन्दरघुडकी के बाद फिर से सड़क निर्माण शुरू हुआ। किसान नेता बलवंत यादव के अनुसार सड़क का निर्माण कार्य पहले की अपेक्षा कुछ सही हो रहा है।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.