Tuesday, July 8, 2025
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वाराणसी : मुसहर बस्ती के निवासियों ने भूमि अधिकार व पट्टे हेतु ज्ञापन सौंपा

उड़ान ट्रस्ट इंडिया एवं नट समुदाय संघर्ष समिति, बेलवा वाराणसी ने सम्पूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर विक्रामपुर मुसहर बस्ती के निवासियों ने  एसडीएम पिंडरा को ज्ञापन सौंपकर अपनी दीर्घकालिक मांगों को प्रशासन के समक्ष रखा है।

बनारस में एक नई शुरुआत है ‘बिरहा में कबीर’

पिछले दिनों विद्या आश्रम सारनाथ में एक नई शुरुआत हुई - बिरहा में कबीर। लोक विद्या जनांदोलन, गांव के लोग, अगोरा प्रकाशन और रामजी यादव आर्काइव द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में एकमात्र कलाकार बिरहा गायक सतीशचन्द्र यादव थे। मूल रूप से रसड़ा, बलिया के निवासी सतीश अब स्थायी रूप से बनारस में रहते हैं और यहाँ तुलसी निकेतन में शिक्षक हैं। वह नब्बे के दशक में बिरहा में सक्रिय हुये और जल्दी ही अपनी मजबूत पहचान बना ली। विगत वर्षों में उन्होंने सैकड़ों कार्यक्रमों में शिरकत किया। महात्मा बुद्ध की भूमि सारनाथ स्थित विद्या आश्रम में आयोजित ‘बिरहा में कबीर’ कार्यक्रम को देख-सुनकर यही लगा कि यह विधा अपनी सामाजिक भूमिका को एक नया अंदाज़ और आयाम देने जा रही है।

वाराणसी : बच्चों एवं अभिभावकों के समर कैम्प का समापन

इग्नस पहल द्वारा ग्रामसभा मधुमखियाँ में आयोजित तीन दिवसीय समर कैम्प का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह कैम्प ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान बच्चों को शिक्षा, खेल और रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से सीखने से जोड़े रखने का एक प्रयास था।

आखिर क्यों सामने आ रही हैं भारतीय जीवन बीमा निगम की अनियमितताएँ

भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ताओं के बीच सूचनाओं को छिपाने को लेकर कई तरह की गलतफहमियाँ सामने आने का मामला सामने आने लगा है। दूसरी तरफ अभिकर्ताओं के ऊपर प्रबंधन द्वारा कई तरह के दबाव और शोषण का भी मामला लंबे समय से उठ रहा है। इसको लेकर पिछले दिनों अभिकर्ताओं ने आंदोलन भी किया। आल इंडिया लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स असोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि प्रबंधन न केवल अभिकर्ताओं के हितों पर कुठाराघात कर रहा है बल्कि वह अपने रिकॉर्ड भी नहीं रख रहा है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचनाओं में भी प्रबंधन ने यह कहा है।

महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए निकली जागते रहो भारत यात्रा वाराणसी पहुंची

12 मई 2025 को महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए बीस राज्यों से होकर दिल्ली पंहुचने वाली 'जागते रहो भारत यात्रा' का बनारस में भव्य स्वागत हुआ।

बनारस के उजड़ते बुनकरों के सामने आजीविका का संकट गहराता जा रहा है

रेशम की किल्लत और उसको लेकर रोज आनेवाली नई-नई परेशानियों ने धीरे-धीरे बनारसी साड़ी उद्योग की कमर तोड़ दी। फिर शुरू हुई भूखमरी और पलायन की रोंगटे खड़े कर देनेवाली कहानियाँ। बुनकरों की विशाल आबादी छिन्न-भिन्न होने लगी। किसी ने रिक्शे में जीवन की राह तलाशी, कोई मजदूरी करने लगा और कुछ ने आत्महत्या भी कर ली।

इंदौर की घटनाओं के पीछे सांप्रदायिकता फैलाने का सुनियोजित एजेंडा

फिल्म रईस का एक मशहूर डायलॉग है ‘अम्मी जान कहती थीं, कोई धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता’...

प्रजातान्त्रिक प्रक्रियाएं और कश्मीर की गुत्थी

सन 2019 के पांच अगस्त को राष्ट्रपति ने एक अध्यादेश जारी कर कश्मीर को स्वायत्तता प्रदान करनी वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द...

पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला के कारण ही कश्मीर बन सका भारत का हिस्सा

भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई व्यक्ति व संगठन जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं। परंतु इसके...
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