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गाँव के लोग
बीज, बाजार और किसान (9 जुलाई, 2021 की डायरी)
समाज कैसे बदलता है? यह एक सवाल हो सकता है। खासकर उनके लिए जो समाज के बदलने की प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं। वैसे...
इन दिनों कट्टर हो रहा हूँ मैं…
आजकल मैं बहुत हीन भावना में जी रहा हूँ । सामान्यतौर पर मैं सामान्य मनुष्य के जैसा जीवन ही जीना चाहता रहा हूँ। मगर...
फादर स्टेन स्वामी…’न तुम कभी गए, न हुआ उलगुलान का अंत
1.फादर स्टेन स्वामी...'न तुम कभी गए, न हुआ उलगुलान का अंत आज जब उधेड़ा जाएगा तुम्हारा पार्थिव शरीर,क्या देखेंगे ये समाज, सरकारें, और न्यायपालिका?डली भर...
अंतरिक्ष के बाशिंदे (8 जुलाई, 2021 की डायरी)
बचपन में अंतरिक्ष को लेकर मन में बड़ी दिलचस्पी रहती थी। आज भी है लेकिन आज मेरे सवालों के जवाब हैं। बचपन में जवाब...
‘झूठा सच’ विभाजन की त्रासदी को दर्ज करता है
खेमेबंदी और मार्क्सवादी कट्टरता के चलते रामविलास शर्मा 'झूठा सच' के महत्व को रेखांकित नहीं कर पाए
(बातचीत का पहला हिस्सा)
आपका जन्म कहां हुआ...
बात केवल आंख के पानी की है (7 जुलाई, 2021 की डायरी)
वे सूचनाएं हमेशा जिंदा रहती हैं, जिनका सरोकार जनता से होता है। बहुत कम ही ऐसा होता है कि ऐसी आवश्यक सूचनाएं असमय दम...
संभूसेक का सौंदर्य : 6 जुलाई, 2021 की डायरी
सौंदर्य का मापदंड भी सापेक्ष ही होता है। निरपेक्ष नहीं होता। यह संभव ही नहीं है। रंगभेद के आधार पर भेदभाव की बुनियाद यही...
काँख ढँकने के फेरे में पड़े तो इंकलाब ज़िंदाबाद कैसे कहोगे पार्टनर !
दरअसल विरोध जब चिढ़ौनी बन जाए या बना दिया जाए तो विकल्प की तलाश भटक रही आत्मा बन जाती है। सत्ता की क्षमता का...
फादर स्टेन स्वामी : उनका निधन एक न्यायिक हत्या का मामला है
आदिवासियों के हितों के लिए संघर्ष करने वाले फादर स्टेन स्वामी ने आज अंतिम सांस ली। वे आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने...
दो कारणों से अयोध्या के विकास में बहुजनों की नहीं होगी हिस्सेदारी !
7 अगस्त, 1990 को प्रकाशित मंडल रिपोर्ट से देश और समाज के बंटने के कथित खतरे से निजात दिलाने के लिए भाजपा के एलके...
सवाल पूछता एक बेचैन युवा
इकहरे शरीर और विनम्र व्यवहार के साथ फिल्मी दुनिया में धीरे-धीरे रच-बस जाने वाले डॉ. सागर ने हिन्दी सिनेमा में अपनी एक पुख्ता पहचान...
मानस पटलनामा यानि मेरी स्मृतियों में बाबूजी रामनरेश यादव
जब उत्तर प्रदेश के राजनीतिक पटल पर रामनरेश यादव का अभ्युदय हुआ तो अभिजात्य वर्ग कुछ क्षणों के लिए भी उनको पचाने को तैयार...
सूफ़ीवादः एक नूर ते सब जग उपज्यां
दूसरी किस्त दक्षिण भारत में सूफ़ियों का आगमन ख़्वाजा हसन बसरी (मृ. 734 ई.) से बताया जाता है लेकिन इसका कोई ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद नहीं...
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सौ साल और गरीबी मुक्त देश का सपना
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी इस जुलाई में अपनी स्थापना की सौवीं वर्षगांठ मना रही है। इन सौ सालों में कम्युनिस्ट पार्टी ने चीन को...