अल्पसंख्यक,आदिवासियों और दलितों को डरा-धमकाकर उनका उत्पीड़न कर वीडियो बनाकर वायरल कर आनंद लेना संघियों की मानसिकता रही है। उनकी हरकतों को देखते हुए यह लगता है कि उनमें कोई संवेदना दबे-कुचले और वंचित समुदाय के लिए हो।
समर्थकों के विशेष वर्ग को उन आलोचनाओं को सुन अपना पारा नहीं चढ़ाना चाहिए, जिन आलोचनाओं में भारत सरकार, केंद्र सरकार या एनडीए सरकार का संबोधन प्रयोग किया जाता है। ये तीनों अब कहीं हैं ही नहीं। यहां तक कि अब तो विदेश भी मोदी सरकार ही जाती है, भारत सरकार नहीं। जब भारत सरकार की जगह एक व्यक्ति विदेशी दौरों पर जाएगा, तो वो देश के कार्य से अधिक तवज्जो व्यक्तिगत कार्य को देगा।