गाजीपुर जिले के कासिमबाद-नोनहरा इलाके में स्थित एक गाँव क़यामपुर छावनी के लोगों ने अपने गाँव से गुजरनेवाली मंगई नदी पर पुल का निर्माण शुरू कर दिया है। इसमें खास बात यह है कि लोगों ने जनसहयोग से इतना बड़ा कम शुरू किया है और काफी हद तक काम पूरा कर दिया है। आसपास के गांवों के लोगों के अलावा जिले के अन्य इलाकों से भी उन्हें सहयोग मिल रहा है। हालांकि वे लंबे समय तक पुल की मांग करते रहे लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहे। जनप्रतिनिधियों ने दशकों तक उन्हें गच्चा दिया। अंततः लोगों ने स्वयं ही यह बीड़ा उठाया। पिछले साल फरवरी में शुरू हुआ काम आधे से अधिक पूरा हो चला है। यह लोगों के सहयोग, समर्पण और सामाजिक नवाचार की एक अनूठी मिसाल बन गया गया है। अपर्णा की रिपोर्ट।
जय बजरंग क्रिकेट स्पोर्टिंग क्लब, अतरसुआ (चीनी मिल ग्राउण्ड) नन्दगंज के तत्वावधान में क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन हुआ। नौ दिन चले इस टूर्नामेंट में खिलाड़ियों ने खेल भावना को मजबूत करने के लिए उत्साह से हिस्सा लिया।
केंद्र सरकार का सबको घर तक पानी पहुँचने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। टंकी है तो पानी नहीं, पानी है तो पाइप से सप्लाई नहीं। गर्मी के दिन आ गए पाने के अभाव में हर व्यक्ति परेशान है।
भाजपा से पारस नाथ राय को टिकट मिलने के बाद से ही जखनिया स्थित हथियाराम मठ चर्चा के केंद्र में है। गाजीपुर लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी उतारने में हथियाराम मठ की क्या भूमिका है?
उत्तर प्रदेश में आए दिन सरकारी राशन की दुकानों पर कम खाद्यान्न वितरण के साथ ही घटतौली की शिकायत मिलती रहती हैं। इसी क्रम में ताजा मामला गाजीपुर जिले के जमानिया के भरईपुर का है। ग्रामीणों की शिकायत थी कि बीते दिसम्बर माह में खाद्यान्न का वितरण बेहद कम हुआ।
मुसहर अपने को अन्य दलित जातियों से ऊंचा मानते हैं और मौक़ा मिले तो वैसा ही करने से नहीं चूकते जैसे तथाकथित बड़ी जातियां उनके साथ करती हैं। इन्हीं गाँवों में घूमते समय मैंने मुसहरों को डोम लोगों के साथ भेदभाव करते देखा और अपने नल से पानी भरने से साफ़ तौर पर मना करते हुए देखा।