मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव तथा शीर्ष वामपंथी नेता सीताराम येचुरी का निधन हो गया। छात्र-जीवन से राजनीति में आये येचुरी आजीवन अपने विचारों और जनसरोकारों के लिए जाने जाते हैं। परमाणु उर्जा समझौते के विरोध में वामपंथियों ने यूपीए गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया था। उसमें येचुरी की मुखरता पूरी दुनिया ने देखी थी। वह इंडिया गठबंधन के प्रमुख शिल्पकार थे। उनके प्रति श्रद्धांजलि प्रकट कर रहे हैं जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक डॉ सुरेश खैरनार।
भारत अब शोध क्षेत्र में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश है और इस अवधि में 13 लाख अकादमिक शोध पत्र तैयार किए गए जो चीन के 45 लाख, अमेरिका के 44 लाख और ब्रिटेन के 14 लाख से पीछे है।
जेएनयू में वर्ष 2024 के छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी को हार का मुंह देखना पड़ा। 3 पदों पर वाम संगठनों ने कब्जा किया और एक पद पर बाफ्सा ने। इस नतीजे से एक बात साफ होती है कि छात्र, संघी मानसिकता को विश्वविद्यालय से हटाकर एक अच्छा माहौल बनाए रखना चाहते हैं।
झड़प विश्वविद्यालय के भाषा संस्थान की इमारत में बृहस्पतिवार देर रात हुई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वाम समर्थित समूहों के छात्रों ने एक-दूसरे के खिलाफ वसंत कुंज उत्तर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कई छात्रों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
नयी दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कई छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय के खिलाफ शुक्रवार को अपना विरोध दर्ज कराया। इस नियमावली में शैक्षणिक भवनों...