बहुत दिनों के बाद आज अचानक कालोनी में डमरू की आवाज सुनाई दी। तुरंत बाद गाने की आवाज आई ... छोटे-बड़े-बच्चों का ध्यान किधर है, बम्बइया मिठाई… Read More...
आधुनिक भारत के सामाजिक परिवर्तन के इतिहास में स्त्री-शिक्षा के लिए सबसे पहले मशाल जलाने वाली एक ऐसी महिला शख्सियत का नाम आता है। जिनको हम… Read More...
वह जनवरी 2018 का कोई दिन था जब हम चार साथी यानी अंगनूराम, शशांक, कृष्ण ठाकुर और मैं, कार्यालय में लंच करने के बाद हमेशा की तरह वर्ल्ड ट्रेड… Read More...
मैं चार दिसंबर को महानगरी से स्लीपर क्लास में मुम्बई आ रहा था। हमारे सीट के पास एक परिवार सफर कर रहा था। वे सभी लोग भी हाथ में नया-नया कलावा… Read More...
वर्तमान पीढ़ी का एक गंभीर संकट जड़हीनता है। ऐसा इसलिए कि अधिकांश 'राजपत्र' और 'कनेक्टिविटी' से घिरी हुई जीवन शैली का आनंद लेते हैं, जहां कोई… Read More...
मैं साल में कम से कम एक बार दीपावली के बाद 3-4 सप्ताह की छुट्टी लेकर गांव अवश्य जाता हूँ। इस छुट्टी में से एक तिहाई हिस्सा मैं अपने मूल गांव… Read More...
‘नमस्कार, चाचा। मैं हिम्मत नगर से अच्छेलाल बोल रहा हूँ।’ हर दूसरे-तीसरे महीने किसी रविवार की सुबह मोबाइल पर यह वाक्य सुनने को मिल ही जाता… Read More...