एक तरफ आज वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन से एक दिन पहले 6 किलोमीटर का रोड शो करेंगे और जनता को लुभाएंगे, वहीं दूसरी तरफ जनता की स्वास्थ्य सुविधा की मांग के लिए लगातार आवाज उठाने वाले बीएचयू में हृदय रोग विभाग के विभागाध्ययक्ष डॉ ओमशंकर का आमरण अनशन का तीसरा दिन है।
तृणमूल 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी। कहने की जरूरत नहीं कि एक बच्चा भी बता देगा कि 2 मार्च को आये तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों ने मोदी को इतना ताकतवर बना दिया है कि उनके खिलाफ लगातार ताल ठोकने वाली ममता सरेंडर की मुद्रा में आ गयी हैं और उनके रास्ते का अनुसरण अन्य कई आग मार्का विपक्षी नेता भी कर सकते हैं,यह सोचकर ही 2024 में मोदी-मुक्त भारत का सपना देखने वाले सदमे में आ गए हैं।
आज अक्टूबर महीने की पाँचवीं तारीख और दिन शनिवार है। दोपहर के दो बजने को हैं। जमुआ हरिराम के प्राइमरी स्कूल के सामने वाला मैदान धीरे-धीरे भर रहा है। जहां भी नज़र जा रही है वहाँ से गाँव के लोग आते दिख रहे हैं, बच्चे, बूढ़े नौजवान और महिलाएँ। महिलाओं ने अपने हाथ से बनाई हुई तख्तियाँ ले रखी है जिन्हें वे दूर से हाथ में झुलाती चली आ रही हैं लेकिन जैसे ही सभा स्थल के करीब पहुंचतीं उन्हें हाथों में ऊंचा उठाकर लहराने लगतीं।