Sunday, July 7, 2024
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स्वास्थ्य व्यवस्था को नंगा करता जा रहा हीट स्ट्रोक, देवरिया में 24 घंटे में 52 की मौत

देवरिया। पूर्वांचल में लू (हीट स्ट्रोक) से बीमार होने वालों की संख्या में तेजी से इजाफ़ा हो रहा है। देवरिया में पिछले 24...

कृषि योजनाओं के बावजूद हो रही किसानों की दुर्दशा

किसान और कृषि विभाग में तालमेल का अभाव है। किसानों का आरोप है कि पदाधिकारी जान-पहचान वाले लोगों को किसान बताकर किसान श्री सम्मान और अन्य कृषि लाभ देते रहते हैं। कागजी खानापूर्ति करके किसी तरह योजनाओं का बंदरबांट हो जाता है। दूसरी ओर, वास्तविक किसानों को मौसम की मार ओलावृष्टि, कभी बाढ़, कभी सुखाड़ की मार झेलनी पड़ती है। फसल भंडारण की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

मुख्तार को आजीवन कारावास, उच्च न्यायालय में फैसले को देंगे चुनौती

वाराणसी। तीन अगस्त, 1991 को लहुराबीर इलाके में हुए अवधेश राय हत्याकांड के 32 साल बाद आज वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अपना फैसला...

जिलेटिन रॉड के हादसे को मोबाइल विस्फोट बताने का प्रयास

अच्छे इलाज के लिए घायल आशीष को लेकर दर-दर भटक रहा गरीब परिवार मीरजापुर। जिस जिलेटिन रॉड को पहाड़ों को तोड़ने और ब्लास्टिंग के काम...

हक़ की हर आवाज़ पर पहरेदारी है और विकास के नाम पर विस्थापन जारी है

जुबान पर अंकुश लगाने की नीयत से डराए जा रहे हैं मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ता वाराणसी। 'चलो हर ज्यादती को सहन कर, खामोश हो जाओ,...

कामुक ही नहीं हिंसक भी हो चुकी है अश्लील आर्केस्ट्रा की उत्सवी अवधारणा

यौन कुंठा में अराजक तत्व के लिए कठपुतली बन रही हैं नाचने वाली लड़कियां यह शादियों का मौसम चल रहा है। गांव-देहात में अभी...

बेराह बनारस में बवाल उर्फ मोदी सरकार के नौ साल

मोदी सरकार अपने कार्यकाल के 9 साल बेमिसाल मना रही है। इस बेमिसाल की ओर बढ़ने से पहले मैं सभी संवैधानिक सस्थानों से क्षमा चाहता...

आए क्यों थे, गए किसलिए… के प्रश्नों में घिरे रहे 2000 के नोट

जितने धूम धड़ाके, आन-बान-शान और गुलाबी गरिमा के साथ 2000 रुपये के नोट प्राणवान हुए थे, उतनी ही फुस्स और अनुल्लेखनीय, निराश विदाई के...

गंगा में डूब रहे हैं लोग, प्रशासन लापरवाह

प्रयागराज। पिछले एक पखवाड़े में जिले में तापमान ने नित नये कीर्तिमान स्थापित किये। पारा लगातार कई दिनों तक 44-45 डिग्री सेल्सियस बना रहा।...

‘आवास योजना’ के रहते कच्चे घरों में रहने को हैं मजबूर

इंदिरा आवास योजना का उद्देश्य यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग, जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है और वह अपनी जिंदगी झुग्गियों-बस्तियों में रहकर गुजारा करते हैं। इसके अंतर्गत जिनके पास घर खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं, ऐसे लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराना होता है।

दम तोड़ रहा है पूर्वांचल का हथकरघा कारोबार, कला के कारीगर मजदूरी करने को मजबूर

यह रिपोर्ट बनारस की समाजशास्त्री डॉ. मुनीज़ा रफ़ीक़ ख़ान के साथ बनारस के अनेक बुद्धिजीवियों द्वारा लॉकडाउन के बाद पूर्वांचल में किए गए एक...

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