कोलकाता की डॉक्टर की नृशंस तरीके से कार्यस्थल पर हत्या की गई और इसके साथ दूसरी जगहों से भी लगातार बलात्कार की खबरें आ रही हैं। आज पूरा देश डॉक्टर के न्याय के लिए उतरा है। इस तरह की घटनाओं का देशव्यापी विरोध होना इसलिए जरूरी है क्योंकि सरकार बलात्कारियों को बचाने का काम कर रही है। वैसे भी अनगिनत केस दर्ज नहीं किए जाते लेकिन जो केस दर्ज होते हैं, उन्हें भी राजनैतिक दबाव व संरक्षण के चलते सजा नहीं मिलती बल्कि स्वागत किया जाता है। उनका इस तरह खुला घूमना सरकार के साथ न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है
जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में आए दिन महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं घटित हो रही हैं उससे यह प्रतीत होता है कि सरकार लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है।
कानपुर के घाटमपुर इलाके में दो लड़कियों ने बलात्कार के बाद पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली। उत्तर प्रदेश का यह दावा कि यहाँ लड़कियां पूरी तरह सुरक्षित हैं, झूठा है।
राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले में दुष्कर्म के एक आरोपी एवं उसके साथियों ने पीड़िता को कथित रूप से गोली मार दी। घटना शनिवार रात प्रागपुरा थाने के पास उस समय हुई जब पीड़िता अपने भाई के साथ दुपहिया वाहन पर घर लौट रही थी।
जिले के चकवापुर गांव की रहने वाली एक महिला ने छेड़छाड़ और दुष्कर्म की शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। पीड़िता ने एसपी ऑफिस के सामने जहर कहकर आत्महत्या करने की कोशिश की।
शनिवार रात्रि साढ़े आठ बजे थाना कोतवाली देहात पुलिस को सात वर्षीय बच्ची के दोपहर 12 बजे से गायब होने की सूचना मिली थी। पुलिस टीम बनाकर मामले की तहकीकात के लिए श्वान दस्ते को बुलाया गया।
एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार, उत्तर प्रदेश ब्लातकार की घटनाओं के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है। पहले स्थान पर राजस्थान का नाम आता है। लेकिन हत्या और गैंगरेप के मामले में यूपी एक नंबर पर है।