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Varanasi
बनारस : स्वच्छता सर्वेक्षण में ‘थ्री स्टार’ का तमगा वास्तविकता में ‘सेवेन स्टार’ गंदगी
वाराणसी। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में वाराणसी को कचरा मुक्त शहर में 'थ्री स्टार' प्राप्त हुआ है, जबकि यहाँ कुछ प्रमुख मार्गों को छोड़कर जगह-जगह...
बनारस : ठंड में कांपते गरीब, सफाई के लिए मुस्तैद कर्मचारी नहीं देते रैन बसेरों में जगह, आधार कार्ड की करते हैं मांग
वाराणसी। भीषण ठंड और शीतलहरी के बीच पांडेयपुर-पहड़िया फ्लाईओवर के नीचे मात्र एक कम्बल ओढ़कर गीता अपने अपने तीन बच्चों (छह, चार और तीन...
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में जलाई गयी मनुस्मृति की प्रतीकात्मक प्रतियां
वाराणसी। बनारस हिन्दू विश्वविदद्यालय में 25 दिसंबर को मनुस्मृति की प्रतीकात्मक प्रतियाँ जलाई गईं। भगत सिंह छात्र मोर्चा के 8-10 की संख्या में छात्रों...
दशकों पहले मृत व्यक्ति के नाम नोटिस और वर्तमान किसानों की ज़मीन को बंजर बताकर हड़पने की साज़िश
अपर्णा -
वाराणसी की सदर तहसील के एसडीएम ने वाराणसी के पूर्वी छोर पर स्थित जाल्हूपुर परगना के चार गाँवों तोफापुर, मिल्कोपुर, कोची और सरइयाँ की कुल सौ एकड़ से भी ज्यादा (109) ज़मीन को बंजर घोषित करने और कब्जे में लेने का एक फरमान निकाला। लोग कहते हैं कि यहाँ बस अड्डा बनेगा। ये गाँव रिंग रोड फेज तीन के किनारे हैं और अब यहाँ की ज़मीन काफी ऊँची कीमत पर बिक रही है।
वाराणसी: नेहरू मार्केट को VDA करेगा ध्वस्त, क्या नया कॉम्प्लेक्स बनने पर व्यापारियों को दुकानें मिलेंगी?
नेहरू मार्केट की बिल्डिंग और दुकानों को तोड़े जाने की खबर पर यहाँ के व्यापारी परेशान हैं। उन्हें यह भय है कि नया कॉम्प्लेक्स बनने पर नई दुकानें मिलेंगी या नहीं? अगर दुकानें नहीं मिलीं तो उसका मुआवजा कौन देगा? दुकानें टूटने से लेकर नई बिल्डिंग बनने तक वह लोग कहाँ अपनी दुकानदारी करेंगे?
कैसे चलती है वाराणसी के उगापुर पंडापुर और उसके आसपास के गांव में गरीब बच्चों के लिए मुफ्त पाठशाला?
जिस दौर में सरकारी स्कूलों को निजी हाथों में दे देने का सरकारी अभियान ही चल रहा हो उस दौर में यह सवाल उठाना...
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब तक क्यों वंचित है धरकार समाज
पिछले लगभग पचास सालों से वाराणसी शहर की सीमा में रहने वाले धरकार समाज के लोग आखिर कैसे बिना किसी नागरिक पहचान के रह...
प्रधानमंत्री की 19,000 करोड़ की योजनाओं के पिटारे पर क्या कह रहे हैं काशीवासी
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आए हुये हैं। यहाँ वह अपने पहले दिन के दौरे में जहां...
प्याज निर्यात पर प्रतिबंध से किसानों एवं व्यापारियों में आक्रोश, रोकी नीलामी
किसानों ने शुक्रवार को नासिक में लासलगांव, चंदवाड, नंदगांव, डिंडोरी, येवला, उमराने और अन्य स्थानों की प्याज मंडियों में नीलामी बंद कर दी। केंद्र सरकार के इस फैसले से आक्रोशित किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है।
वाराणसी : लैंगिक असमानता की दूरी कम करने के लिए आयोजित हुई कार्यशाला
काशी विद्यापीठ सभागार में ट्रांसजेंडर सेल काशी विद्यापीठ और बनारस क्वीर प्राइड, वाराणसी के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया...
खबर का असर : बन गई गली, वाराणसी के ‘नई पोखरी’ के लोगों को मिली राहत
मोहल्ले की गलियों में दुर्दशा को लेकर गाँव के लोग डॉट कॉम ने गत आठ अगस्त को वॉर्ड नम्बर 64 पर जातीय और धार्मिक...
वाराणसी की कज़्जाकपुरा मलिन बस्ती : सफाईकर्मियों को उजाड़ने के बाद कहाँ बसाएगी सरकार
कई बार उजड़ और उखड़ कर, बस अभी पाँव थमे ही थे कि फिर से उखड़ जाने का आदेश पारित हो गया है। यह दर्द वाराणसी के कज्जाकपुरा के मलिन बस्ती का है, जिसे आईडीएच भी कहा जाता है। तकरीबन सत्रह साल पहले, 2005 के आस-पास यह बस्ती बसी थी। 17 साल के संघर्ष के बाद इस बस्ती के लोग सिर्फ दीवार बना पाये हैं, जिसकी ऊंचाई सात फीट से ज्यादा नहीं है। इन्हीं दीवारों पर कुछ परिवारों ने सीमेंट की चादरें डाल ली हैं तो कुछ परिवारों ने बांस की खपच्चियों पर प्लास्टिक डालकर खुद को आभासी छत से ढँक लिया है।
नकदी खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है
वाराणसी। त्योहारों के चलते पूरे देश में उत्सव का माहौल है। एक के बाद एक त्योहार आ रहे हैं। नवरात्रि के बाद दशहरा और...
वाराणसी : बहुत कठिन है काठ की कला में लगे हुये लोगों का जीवन
अपर्णा -
समय के साथ-साथ बहुत सी चीजें बदल रही हैं। जो चीजें कल तक अपने उठान पर थीं आज वे पीछे छूट गई हैं लेकिन...
वाराणसी : ग्राउंड रिपोर्ट का असर, बंजर होने से बच गई उपजाऊ जमीन
अपर्णा -
गाँव के लोग पर खबर प्रकाशित होने के बाद प्रभावित किसानों को अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने की हिम्मत मिली। उन्होंने न्यायिक व्यवस्था में सरकार के प्रयास पर मजबूती से आपत्ति जताई और परिणाम यह हुआ कि किसानों की जमीन को जबरन अधिग्रहित करने की इस खबर के असर ने वाराणसी के पूर्वी छोर पर स्थित जाल्हूपुर परगना के चार गाँवों तोफापुर, मिल्कोपुर, कोची और सरइयाँ की जमीन को बंजर होने से बचा लिया है।
किसने बनाया अस्सी नदी को गंदा नाला
वाराणसी। किसी शहर की पहचान उसकी नदियों के कारण भी होती है। बनारस की कल्पना करते हुये कोई भी गंगा को भुला नहीं सकता...
वाराणसी : बच्चों के साथ कठिन परिश्रम करने के बावजूद न्यूनतम मजदूरी से वंचित हैं आँगनबाड़ी कार्यकर्ता
आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या अत्यंत गरीब दलितो-पिछड़े समुदायों और जातियों से ताल्लुक रखता है जिनके बारे में यह नैरेटिव गढ़ा जा चुका है कि वे किसी भी कठिन परिस्थिति में जी लेते हैं। उनकी मौलिक और बुनियादी समस्याओं को जितना अधिक टाला जा सके टालते रहा जाय। जबकि वे आगे आने वाली पौध की नींव रखती हैं, उन बच्चों को सामाजिक बनाने और आपसी सामंजस्य बिठाने का पहला काम यही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करती हैं।
वाराणसी में जी20 के उत्साह के बीच दफ़न हो गए ठेले-खोमचों वालों के दर्द और आँसू
वाराणसी। जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर इतना प्रचार है कि पिछले कई महीने से इस शहर का भाजपा समर्थक खेमा अतीव उत्साह में है...
एक तरफ चाँद पर, दूसरी तरफ जातीय उत्पीड़न
वाराणसी। भारत को आजाद हुए 76 साल हो गए पर आज भी देश का एक बड़ा हिस्सा वंचना, अस्पृश्यता और गैर बराबरी की समस्या...

