Sunday, December 22, 2024
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खबर का असर : बन गई गली, वाराणसी के ‘नई पोखरी’ के लोगों को मिली राहत

मोहल्ले की गलियों में दुर्दशा को लेकर गाँव के लोग डॉट कॉम ने गत आठ अगस्त को वॉर्ड नम्बर 64 पर जातीय और धार्मिक...

अभी बसे भी नहीं थे कि आ गई उजाड़ने की धमकी, अब सफाईकर्मियों को कहाँ बसाएगी सरकार

वाराणसी। कई बार उजड़ और उखड़ कर, बस अभी पाँव थमे ही थे कि फिर से उखड़ जाने का आदेश पारित हो गया है।...

नकदी खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है

वाराणसी। त्योहारों के चलते पूरे देश में उत्सव का माहौल है। एक के बाद एक त्योहार आ रहे हैं। नवरात्रि के बाद दशहरा और...

वाराणसी : बहुत कठिन है काठ की कला में लगे हुये लोगों का जीवन

समय के साथ-साथ बहुत सी चीजें बदल रही हैं। जो चीजें कल तक अपने उठान पर थीं आज वे पीछे छूट गई हैं लेकिन...

वाराणसी : ग्राउंड रिपोर्ट का असर, बंजर होने से बच गई उपजाऊ जमीन

गाँव के लोग पर खबर प्रकाशित होने के बाद प्रभावित किसानों को अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने की हिम्मत मिली। उन्होंने न्यायिक व्यवस्था में सरकार के प्रयास पर मजबूती से आपत्ति जताई और परिणाम यह हुआ कि किसानों की जमीन को जबरन अधिग्रहित करने की  इस खबर के असर ने वाराणसी के पूर्वी छोर पर स्थित जाल्हूपुर परगना के चार गाँवों तोफापुर, मिल्कोपुर, कोची और सरइयाँ की जमीन को बंजर होने से बचा लिया है।

किसने बनाया अस्सी नदी को गंदा नाला

वाराणसी। किसी शहर की पहचान उसकी नदियों के कारण भी होती है। बनारस की कल्पना करते हुये कोई भी गंगा को भुला नहीं सकता...

वाराणसी : बच्चों के साथ कठिन परिश्रम करने के बावजूद न्यूनतम मजदूरी से वंचित हैं आँगनबाड़ी कार्यकर्ता

आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या अत्यंत गरीब दलितो-पिछड़े समुदायों और जातियों से ताल्लुक रखता है जिनके बारे में यह नैरेटिव गढ़ा जा चुका है कि वे किसी भी कठिन परिस्थिति में जी लेते हैं। उनकी मौलिक और बुनियादी समस्याओं को जितना अधिक टाला जा सके टालते रहा जाय। जबकि वे आगे आने वाली पौध की नींव रखती हैं, उन बच्चों को सामाजिक बनाने और आपसी सामंजस्य बिठाने का पहला काम यही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करती हैं।

वाराणसी में जी20 के उत्साह के बीच दफ़न हो गए ठेले-खोमचों वालों के दर्द और आँसू

वाराणसी। जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर इतना प्रचार है कि पिछले कई महीने से इस शहर का भाजपा समर्थक खेमा अतीव उत्साह में है...

एक तरफ चाँद पर, दूसरी तरफ जातीय उत्पीड़न

वाराणसी। भारत को आजाद हुए 76 साल हो गए पर आज भी देश का एक बड़ा हिस्सा वंचना, अस्पृश्यता और गैर बराबरी की समस्या...

बुनियादी सुविधाओं की उम्मीद में ढेलवरिया निवासी

वाराणसी। बनारस की अधिकतर आबादी का बोझ ढो रही गलियों का हाल, 'बेहाल' है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को विकास के...

सर्व सेवा संघ परिसर पर किये गए अवैध कब्जे के खिलाफ शास्त्री घाट में हुई जनप्रतिरोध सभा

वाराणसी। शास्त्री घाट पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर ने कोई तय करके नहीं रखा है कि दिल्ली ही जाएगा, ट्रैक्टर की...

वाराणसी : बच्चों की ऊंची पढ़ाई के साथ अपनी पढ़ाई का सपना पूरा कर रही हैं सुमन

शिक्षा के बारे में डॉ. अंबेडकर का कहना है कि वह शेरनी का दूध है जो भी पिएगा वह दहाड़ेगा। सुमन को देखकर लगता है कि वह भी शेरनी का दूध पी रही हैं। उनमें जो आत्मविश्वास है वह उन्हें किसी जगह झुकने नहीं देगा। एक माँ के रूप में वह अपने बच्चों की उच्च शिक्षा का सपना देखती हैं। लेकिन स्वयं अपने भी अधूरे सपने को पूरा करने में जी जान से लगी हैं।

हर तरफ फैला सियासी तामझाम फिर भी नहीं मिटा बनारस का जाम

वाराणसी। सरकारी विभागों के फाइलों में स्मार्ट सिटी घोषित हो चुके वाराणसी शहर की यातायात व्यवस्था अनस्मार्ट हो गई है। रुका हुआ यातायात, कुछ...

प्रेमचंद के गाँव लमही में अब प्रेमचंद को कोई नहीं पढ़ता

किसी जमाने में लमही एक गाँव था और प्रेमचंद ने बहुत सारे चरित्रों को इसी गाँव से उठाया। मसलन! गाँव में जो पोखरा दिखाई पड़ता है और रामलीला का जो मैदान है। हम समझते हैं कि उनकी प्रसिद्ध कहानी रामलीला में उसका जिक्र है। लमही के पास ही एक ऐसी बस्ती है, जहां से निकल कर ईदगाह का हामिद और उसके साथी नदेसर स्थित ईदगाह की तरफ रुख करते हैं।

जब भी मैं इस दुनिया से विदा लूं, पढ़ते हुए बच्चे मेरे आस-पास हों

हमारा राष्ट्र तभी खुशहाल होगा जब हर वर्ग के लोग तरक्की करेंगे। समाज में धन का समान वितरण बहुत आवश्यक है, इसके अभाव में राष्ट्र का विकास अधूरा ही रहेगा। बिना मुस्कुराए आप दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं ला सकते। जब समाज के हर तबके का पेट भरने लगेगा और देश का हर बच्चा पढ़ने लगेगा तब आप मुस्कुरा सकते हैं और कह सकते है कि हमारा देश तरक्की कर रहा है।

एलजीबीटी समुदाय के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

वाराणसी। करौंदी स्थित वल्लभ भाई पार्क में बृहस्पतिवार को बनारस  की ओर से एलजीबीटीक्यूआई प्लस समुदाय के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।...

सर्व सेवा संघ खाली कराये जाने के विरोध में प्रतिरोध सभा की गई

वाराणसी। राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ परिसर को पुलिस बल प्रयोग कर प्रशासन और रेलवे द्वारा खाली कराए जाने के विरोध में गांधी जनों...

बीएचयू में मणिपुर हिंसा को तुरंत रोकने व पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मोमबत्ती मार्च हुआ

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर के अध्यापकों द्वारा  मणिपुर में हिंसा पर रोक लगाने की अपील।  कंडल विजिल के माध्यम से पीड़ितों के साथ संवेदना व्यक्त...

सर्व सेवा संघ को जबरन ढहाने पहुँचे अमले के पास कोर्ट का कोई आदेश नहीं था

अफलातून दीवाल पर लगी एक नोटिस की तरफ इशारा करते बताते है कि एविक्शन का एक आर्डर 27 जून को आया था (जो सर्व सेवा संघ के प्रकाशान भवन के सामने चस्पा था) जिसमें 30 जून तक खाली करने का आदेश था। जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक बार आ गया तो उन्हें  एविक्शन का एक फ्रेश आर्डर देना चाहिए था। क्या ऐसा कोई आर्डर अभी प्रशासन के पास है या प्रशासन ने सर्व सेवा संघ को ऐसी कोई नोटिस हाल-फ़िलहाल में जारी की है?

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