दिनांक 25 नवम्बर को 16 दिवसीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़े की शुरुआत 25 नवम्बर को भारतीय शिक्षा निकेतन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मुबारकपुर, बेनीपुर वाराणसी में दोपहर 12 बजे से अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़े के शुभारंभ पर सभा का आयोजन किया गया।
पूरी दुनिया में 25 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक 16 दिवसीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा मनाया जाता है| इसी कड़ी में ग्रामीण पुनर्निर्माण संस्थान, आजमगढ़ और एशियन ब्रिज इंडिया, वाराणसी द्वारा संयुक्त रूप से साधिका संस्था के सहयोग से 16 दिवसीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा की शुरुआत 25 नवम्बर 2022 को भारतीय शिक्षा निकेतन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मुबारकपुर, बेनीपुर वाराणसी में दोपहर 12 बजे से अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़े के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन और जेंडर वाल बुक के अनावरण कर के किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों का स्वागत विद्यालय के रहमान अध्यापक ने करते हुए अतिथियों को पुष्पगुच्छ और माल्यार्पण कर किया।
आज के कार्यक्रम का विषय प्रवेश एशियन ब्रिज इंडिया के अध्यक्ष मोहम्मद मूसा आज़मी के द्वारा किया गया और जेंडर वाल बुक के बारे में बताते हुए कहा कि जब तक भारत के प्रत्येक विद्यालय में इस तरह की जेंडर वाल बुक की स्थापना नहीं होगी।और बच्चों को बचपन से ही जेंडर यानि लिंग आधारित हिंसा और भेदभाव के प्रति जागरूक और संवेदनशील नहीं किया जायेगा, तब तक एक महिला हिंसा मुक्त विकसित भारत का सपना कभी पूरा नहीं होगा और ऐसे में भारतीय शिक्षा निकेतन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मुबारकपुर, बेनीपुर ने जिस तरह की पहल की है यह अपने आप में एक नयी परंपरा को जन्म देगा। भारत को एक लिंग आधारित महिला हिंसा मुक्त राष्ट्र बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर जेंडर वाल बुक का अनावरण करते हुए मुख्य अतिथि प्रो संजय, समाज कार्य विभाग, महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ ने कहा कि जब तक समाज में महिला हिंसा होती रहेगी और लिंग के आधार पर महिलओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जाता रहेगा तब तक देश का सम्पूर्ण विकास संभव नहीं है, महिलाओं और लड़कियों को उनके अधिकारों को पाने के लिए हम पुरुषों लड़कों को आगे आना होगा घर के काम से लेकर अधिकारों को पाने की लड़ाई तक हर कदम में साथ देना होगा | ये बहुत ही ज़रूरी है की भारत के हर व्यक्ति को समझना होगा के लिंग आधारित हिंसा क्या होती है और उसको रोकने में उनकी क्या भूमिका होगी तभी हम सही मायने में एक सभ्य समाज का निर्माण कर सकते है।
इस अवसर पर दख़ल संगठन से आई मैत्री जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि एक महिला के साथ हिंसा पैदा होने से ही शुरू हो जाती है और निरन्तर जारी रहती है घर में होने वाली हिंसा को हम हिंसा मानने को तैयार नहीं होते परंतु लिंग आधारित हिंसा घर परिवार में ही सबसे ज्यादा होती है।
विनोद कुमार कस्तूरबा सेवा समिति, संजू देवी प्रधान गणेशपुर, मीरा उदय सेवा संस्थान ने अपने विचार रखे और समाज में महिलाओं तथा लड़कियों के प्रति बढती हिंसा पर चिंता व्यक्त।
सब इंस्पेक्टर महिला थाना प्रभारी अंजू यादव ने कहा कि उनके थाने में आने वाली अधिकतर घटनाएं घरेलू हिंसा की होती हैं और उसको रोकने एवं कम करने के लिए यह आवश्यक है कि हम बचपन से ही घरों में लड़को को विशेष रूप से एक संवेदन्शील व्यक्ति के रूप में तैयार करे और अपने घरों में गैर बराबरी को खतम करने का प्रयास करे।
इस कार्यक्रम में 600 बच्चों और उनके परिवार के लोगों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सरिता फील्ड फैसिलिटेटर, दीपक, विजय, जगदीश और करन कम्युनिटी मोबिलैज़र, धीरज, पंकज, और शबनम समाज कार्य विभाग महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने अपना महत्वपूर्ण समय और योगदान दिया।
कार्यक्रम का संचालन दीक्षा पांडे म.गा.का. विद्यापीठ ने किया और भारतीय शिक्षा निकेतन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मुबारकपुर, बेनीपुर के प्रधानाचार्य सुनीता वर्मा धन्यवाद ज्ञापन किया।