सप्तपदी और चौथी परम्पराएँ गुलामी और माँ-बहनों के अपमान की परम्पराएँ हैं

गाँव के लोग

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क्या ब्राह्मणवाद के खात्मे के लिए शूद्र आन्दोलन जरूरी है। इस मुद्दे पर शूद्र शिवशंकर सिंह यादव ने अपनी बातचीत में कहा कि यह आंदोलन अनिवार्य है क्योंकि ब्राह्मणों और मनुवादी शासकों ने शूद्रों को नियंत्रित करने के लिए ऐसे नियम बनाए जिंका इतिहास अत्यंत शर्मनाक है। आज भी अनेक ऐसी प्रथाएँ प्रचालन में हैं जिन्हें जानकर किसी भी स्वाभिमानी इंसान का खून खौल उठेगा। सप्तपदी, अहोरा_बहोरा और चौथी सभी परम्पराएँ गुलामी और माँ-बहनों के अपमान की परम्पराएँ हैं । देखिये रामजी यादव के साथ बातचीत और चैनल को सब्सक्राइब भी कीजिये।

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