प्रोफेसर अब्दुल मतीन समाजकार्य के निदेशक यूएसटी एम और अध्यक्ष समाज कार्य एएमयू देश की परंपरागत भोजन आदमी के स्वास्थ्य के लिए जरूरी और पोषक भी हैं। डिब्बा बंद पैकेज फूड जिसे बाजार में खाते है वो बीमारी का घर है, समय रहते हमे खाने की बुरी आदतों से बचना होगा। पिज्जा, बर्गर हमारे बच्चों को बीमार बना रहा है।
परामर्श में बोलते हुए, डॉ अली जाफर अबेदी, सहायक प्रोफेसर, सामुदायिक चिकित्सा जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी), एएमयू ने कहा, ’14 मिलियन से अधिक भारतीय बच्चे मोटापे से ग्रस्त या अधिक वजन वाले हैं, उन्हें एनसीडी विकसित करने का जोखिम डालते हैं पोषण थ्रेसहोल्ड जैसे नियामक कदम जो उद्योग के लिए वैश्विक और वैज्ञानिक मानकों के बराबर, अपने खाद्य उत्पादों को सुधारने और अपने खाद्य उत्पादों को स्वस्थ बनाने के लिए अनिवार्य बनाते हैं, मोटापा या मधुमेह महामारी को रोकने में एक लंबा सफर तय करेंगे।’
पैनल चर्चा में भाग लेते हुए, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, जेएनएमसीएच, एएमयू के डॉ मोहम्मद काशिफ ने कहा, 'हाल के वर्षों में भारत में 60% से अधिक मौतें एनसीडी के कारण हुई हैं। पैकेज्ड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन के परिणामस्वरूप खराब आहार, भारत के रोग बोझ में इस महामारी विज्ञान के बदलाव का एक प्रमुख कारण है।'