Saturday, July 27, 2024
होमTagsBanaras

TAG

banaras

Varanasi : वरुणा नदी में कई नालों का पानी गिरने से अब पानी खेती के लायक नहीं रहा

बनारस में वरुणा नदी के बहुत अधिक प्रदूषण के कारण किसान खेत की सिंचाई भी इस पानी नहीं कर पाते. यदि इसी तरह वरुणा प्रदूषित होती रही तो जल्द ही नाले में तब्दील हो जाएगी.

Varanasi : देश में अमीर अरबपति हो रहा है लेकिन गरीब दो वक्त की रोटी के लिए मुहाल है

विकास के इस दौर में वाराणसी के कोटवां इलाके की महिलाएं आज भी 4 या 6 रुपए में मजदूरी करके अपना गुजारा करती हैं। देखिए ये ग्राउंड रिपोर्ट

Varanasi : कमरतोड़ महंगाई के दौर में बनारसी साड़ी के मजदूर तंगहाल में गुजार रहे हैं जीवन

उत्तर प्रदेश में वाराणसी की बनारसी साड़ियाँ विश्व प्रसिद्ध है। लेकिन इन दिनों साड़ी बनाने वाले बुनकरों की हालत बेहद खराब हो गई है। बुनकरों ने अपनी स्थिति को लेकर क्या कहा? देखिये यह ग्राउंड रिपोर्ट

पूर्वांचल का स्वास्थ्य : पाँच करोड़ की आबादी का स्वास्थ्य रामभरोसे

सरकार जनता के स्वास्थ्य से खेल करने में तनिक भी पीछे नहीं रहती है। आबादी और क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है लेकिन स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के मामले में अभी भी अन्य राज्यों की तुलना में पीछे है। उस पर पूर्वाञ्चल और भी पिछड़ा है, जहां एम्स के नाम पर गोरखपुर है और बनारस का सर सुंदरलाल हॉस्पिटल कहने को तो बहुत बड़ा हॉस्पिटल है लेकिन इसका स्टेटस एक रेफरल अस्पताल से अधिक नहीं। ऐसे में लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ रुख करना मजबूरी हो जाती है। उत्तर प्रदेश में 19962 मरीजों पर एक डॉक्टर है।

अर्थव्यवस्था के कुठाराघात ने बनारस में खिलौना बनानेवालों को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है

मो. अरशद का काम और वर्कशॉप उनके घर पर ही है। अंदर जाने पर ग्राउन्ड फ्लोर पर छोटे-छोटे दो कमरों में हाथ से चलने वाली मशीनें लगी हुई हैं। वहां उनके बेटे आदिल अकेले ही नक्काशीदार दरवाजे के हैन्डल पर फिनिशिंग का काम रहे थे। आदिल 25-26 वर्ष के हैं और बी.कॉम. करने के बाद अपने पुश्तैनी काम में लग गए हैं।

Banaras : कांशीराम आवास में रहने वाले सैकड़ों लोग क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं?

कांशीराम आवास कम आमदनी वालों के लिए बनाया गया था लेकिन आज इन आवासों की स्थिति बहुत ही जर्जर हो चुकी है।

काशी : अंतिम संस्कार के लिए परिजन अपनों की लाशें लेकर इधर से उधर क्यों भटक रहे हैं?

भारत देश में काशी नगरी पर आस्था रखने वालों की यह दिली तमन्ना होती है कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार इसी नगरी में किया जाये। यहाँ अंतिम संस्कार के लिए आसपास के लोग आते भी हैं। लेकिन इधर प्रशासन ने शव ले जाने वाले मणिकर्णिका रास्ते में बदलाव कर भैंसासुर घाट से ले जाने का आदेश जारी कर जनता के लिए परेशानी खड़ी कर दी है।

दख़ल ने सावित्रीबाई फुले को याद किया

वाराणसी। रुढ़िवादी समस्याओं से जूझते हुए माता सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला और खुद पहली महिला शिक्षिका बनीं। इस काम...

वाराणसी: बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीद पर पानी फेरा

बीते दो-तीन दिनों से बनारस सहित आसपास के जिलों में बेमौसम बारिश हो रही है, जिसकी वजह से खेतों में काटकर रखा हुए धान...

बनारस के खिड़किया घाट पर मानवता, प्रेम और सहिष्णुता का सन्देश देते हुए मनाया फ्री हग डे

वाराणसी। खिड़किया घाट पर बनारस में मानवता प्रेम और सहिष्णुता का सन्देश देते हुए ' फ्री हग डे ' (सार्वजनिक गले मिलने के) कार्यक्रम...

नकदी खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है

वाराणसी। त्योहारों के चलते पूरे देश में उत्सव का माहौल है। एक के बाद एक त्योहार आ रहे हैं। नवरात्रि के बाद दशहरा और...

वाराणसी में जी20 के उत्साह के बीच दफ़न हो गए ठेले-खोमचों वालों के दर्द और आँसू

वाराणसी। जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर इतना प्रचार है कि पिछले कई महीने से इस शहर का भाजपा समर्थक खेमा अतीव उत्साह में है...

बुनियादी सुविधाओं की उम्मीद में ढेलवरिया निवासी

वाराणसी। बनारस की अधिकतर आबादी का बोझ ढो रही गलियों का हाल, 'बेहाल' है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस को विकास के...

हर तरफ फैला सियासी तामझाम फिर भी नहीं मिटा बनारस का जाम

वाराणसी। सरकारी विभागों के फाइलों में स्मार्ट सिटी घोषित हो चुके वाराणसी शहर की यातायात व्यवस्था अनस्मार्ट हो गई है। रुका हुआ यातायात, कुछ...

एलजीबीटी समुदाय के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

वाराणसी। करौंदी स्थित वल्लभ भाई पार्क में बृहस्पतिवार को बनारस  की ओर से एलजीबीटीक्यूआई प्लस समुदाय के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।...

बेराह बनारस में बवाल उर्फ मोदी सरकार के नौ साल

मोदी सरकार अपने कार्यकाल के 9 साल बेमिसाल मना रही है। इस बेमिसाल की ओर बढ़ने से पहले मैं सभी संवैधानिक सस्थानों से क्षमा चाहता...

बनारस में ब्रश बनाने वाली कामगारों को न्यूनतम मज़दूरी तक नहीं लेकिन कटौती अनिवार्य

सर्व सेवा संस्थान, राजघाट के ठीक सामने किला कोहना राजघाट नाम का एक मोहल्ला है। मोहल्ला क्या एक बड़ा-सा बाड़ा जैसा था, जैसे ही...

पेंटागन के बिल्ले यहीं शिवाले में बनते हैं

यहाँ पेंटागन के बिल्ले भी बनते हैं। पेंटागन यानी अमेरिकी सेना। हालांकि उन्होंने कहा कि अब काम में कोई दम नहीं है। बाहर के ऑर्डर लगातार कम होते जा रहे हैं। एक्सपोर्ट आदि को लेकर भी कई परेशानियाँ खड़ी होने लगी हैं। लेकिन हम काम इसलिए चला रहे हैं क्योंकि इसके अलावा पेट के लिए और कोई धंधा नहीं कर सकते।

मेलजोल और आपस में सहयोग की परम्परा ही हमारी संस्कृति है

वाराणसी। सामाजिक सरोकारों के संयुक्त पहल साझा संस्कृति मंच एवं जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय उत्तर प्रदेश  के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रेम और भाईचारे...

खिलौना रंगने वाली औरत की साठ रुपये रोज पर कैसे गुजर होती होगी?

बनारस के मुहल्लों में काम कर रहे श्रमिकों का कठिन जीवन - पहली किश्त  एक  छत पर पहुँचते ही रंग की तेज गंध नाक में घुसी।...

ताज़ा ख़बरें