भारतीय महिला फेडरेशन (मध्य प्रदेश), अशोक नगर के समीप स्थित जानकी माता करीला मंदिर में आमंत्रित लोक कलाकारों के अपमान की कड़ी भर्त्सना एवं जाँच कर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी माँग करती है। अशोक नगर, मध्यप्रदेश में जानकी माता के करीला मंदिर में प्रतिवर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस वर्ष इस आयोजन में राई नृत्यांगनाओं को आमंत्रित किया गया लेकिन आमंत्रित नृत्यांगनाओं का एड्स परीक्षण करवाया गया।
यह घटना राज्य सरकार एवं प्रशासन के चरित्र पर अनेक सवाल खड़े करती है:-
- इन लोक नृत्यकियों की एड्स की जाँच क्यों करवाई गयी? जबकि उन्हें एक धार्मिक आयोजन में नृत्य हेतु आमंत्रित किया गया था। क्या प्रशासन ने इरादतन इन लोक नृत्यांगनाओं को आमंत्रित किया?
- क्या यह माना जाए कि प्रशासन की दृष्टि में यह पहले से तय था कि ये नृत्यांगनायें वेश्यावृति करेंगी? जो कि बेहद शर्मनाक है।
- उससे भी ज्यादा शर्मनाक यह पितृसत्तात्मक सोच है कि वेश्यागमन करने वाले पुरुषों को सुरक्षित वेश्यागमन की सुविधा मुहैया करवाना।
- क्या वेश्यागमन की यह व्यवस्था प्रशासन द्वारा उपलब्ध या मुहैया करवाई गई? या स्वयं प्रशासन द्वारा ही वेश्यागमन के लिए उन्हें बुलाया गया?
ज्ञात हो कि राई बुंदेलखंड का प्रसिद्ध लोक नृत्य है और इसे करने वाली महिलाएँ पीढ़ी दर पीढ़ी वेश्यावृत्ति का व्यवसाय किया करती थीं। जिसे प्रशासन की पहल पर इन लोक नृत्यांगनाओं के उत्थान के लिए उन्हें एवं उनके परिवारों को उनका जीवनस्तर सुधारने एवं समाज में स्थान दिलाने के लिए अनेक योजनाएँ चलायीं। साथ ही उनकी इस नृत्य कला को प्रोत्साहित भी किया।
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यह शर्मनाक घटना एड्स की जाँच करवाकर लोक कलाकारों का अपमान तो है ही साथ ही इन महिलाओं को स्वयं प्रशासन द्वारा पुनः वेश्यावृत्ति की ओर धकेला जा रहा है। साथ ही यह हरकत प्रशासनिक पद पर बैठे उन अधिकारियों की पितृवादी सोच में जकड़ी गन्दी एवं घिनौनी मानसिकता को भी लोगों के सामने लाती है जिन्होंने इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया।
एक तरफ मुख्यमंत्री 5 मार्च, 2023 को मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना लॉन्च कर रहे हैं और दूसरी तरफ उनकी ही नाक के नीचे बैठे आला अफसर इस तरह की घिनौनी एवं शर्मनाक घटना को अंजाम दे रहे हैं। क्या अशोक नगर के करीला मंदिर में अंजाम दी गयी यह शर्मनाक घटना को राज सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर नहीं करती? क्या मुख्यमंत्री को इस शर्मनाक घटना की भनक भी न लगी? यदि नहीं लगी तो यह उनकी प्रशासनिक क्षमता पर अनेक सवाल खड़े करता है और यदि इस तरह की हरकत की जानकारी उन्हें थी तो यह उनके चरित्र पर सवाल खड़े करता है।
भारतीय महिला फेडरेशन, मध्य प्रदेश इस बेहद शर्मनाक घटना की कड़ी निंदा एवं विरोध करते हुए इसको अंजाम देने वाले प्रत्येक प्रशासनिक अधिकारी एवं व्यवस्थापकों के खिलाफ शीघ्र-अतिशीघ्र न्यायोचित कार्यवाही करने की मांग करती है। यदि यह कार्यवाही नहीं की जाती है तो भारतीय महिला फेडरेशन, मध्य प्रदेश इस मुद्दे पर बड़ा प्रदर्शन करेगी।