माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी दौरा के अगले ही दिन मंगलवार यानी 26/10/2021 निम्नलिखित मांगों को लेकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र एकत्रित हुए और लंका गेट बंद कर धरना प्रर्दशन शुरू किया।
छात्रों की मांगे निम्नलिखित है-
- विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर के सभी कक्षाएं ऑफलाइन शुरु की जाय।
- विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों को पूरी क्षमता के साथ खोला जाए।
- विश्वविद्यालय में खेल कूद व कसरत की सारी सुविधाएं बहाल की जाय।
- पेड सीट समेत सभी स्टूडेंट्स का आनलाइन कक्षा के कारण पूरा फ़ीस वापस किया जाए।
पुलिस के बल पर बीएचयू प्रशासन चाहता है आन्दोलन को समाप्त करना।
मंगलवार के शाम ही चीफ़ प्रॉक्टर प्रो. बी.सी. कापड़ी और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र अधिष्ठाता प्रो. एम के सिंह छात्रों से मिलने आये थे और ईमेल की एक प्रति साथ में लाकर दिखाकर बोले थे कि परसों (28/10/2021) एक मीटिंग बुलाई गयी है, जिसमें निर्णय आ जायेगा और अभी आप लोग धरने से उठ जाइए। इसके जवाब में प्रदर्शनकारी छात्रों ने एक स्वर में दो टूक का जवाब दिया कि हम तब तक यहीं लंका गेट पर बैठे रहेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती और उसे लिखित रूप में जारी नहीं किया जाता। आप लोग जाइये अपना मीटिंग करिए। आज 28 अक्टूबर है। मीटिंग संपन्न हो गयी है। इस मीटिंग के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिये निर्णय से यह कहा जा सकता है कि बीएचयू प्रशासन बच्चों से किये वादों से मुकर गया है। प्रशासन का कहना है कि अगले सत्र में विश्वविद्यालय को पूर्ण रूप से खोलने पर विचार किया जायेगा। विश्वविद्यालय के इस फैसले से बच्चों के अंदर आक्रोश है। वे आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
बीएचयू के लंका गेट पर अधिक संख्या में पहुंची पुलिस।
वहीं दूसरी ओर छात्रों के आक्रोश को देखते हुए बहुत ही अधिक संख्या में लंका गेट पर पुलिस पहुंच बुला ली गयी है। अधिक संख्या में पुलिस को देखकर छात्रों ने आरोप लगाया है कि बीएचयू प्रशासन पुलिस के बल आन्दोलन को खत्म करना चाहता है।
बीएचयू का सिंह द्वार पूर्णतः बंद, केवल एम्बुलेंस की इंट्री
छात्रों ने सिंह द्वार के तीनों गेट को बंद कर दिया। केवल एंबुलेंस और मरीजों को आने-जाने दे रहे हैं। पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन प्रदर्शनकारी छात्रों के ऊपर दबाव बना रहा है कि छात्र मुख्य द्वार को खोल दें और धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दें। अभी देखने वाली बात यह है कि आगे की रणनीति और आन्दोलन को छात्र कैसे तय करते हैं।
ट्रेनी छात्रोंं का धरना कल ही शाम को हो गया खत्म
लाइब्रेरी साइंस के ट्रेनीज़ छात्रों ने कल शाम को मुंह पर काली पट्टी बांधकर किया धरना दिया, लेकिन कुछ ही देर बाद तीन दिन से चल आन्दोलन को ट्रेनी छात्रों ने विश्वविद्यालय द्वारा उनकी मांगों के संदर्भ में आश्वासन मिलने पर पर खत्म कर दिया। खबर लिखे जाने वक्त भी काफ़ी संख्या विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं सैकड़ों की संख्या में बैठे हुए हैं।