चंडीगढ़/ नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। हिसार से भाजपा के सांसद बृजेंद्र सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कमल फेंक पंजा का दामन थाम लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजुदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से दी है।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट करके उन्होंने अपने इस्तीफे की बात कही। बृजेंद्र सिंह ने एक्स पर लिखा कि मैं राजनीतिक कारणों से पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा मैं पार्टी के साथ पीएम मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे हिसार के सांसद के रूप में सेवा करने का मौका दिया।
बृजेंद्र सिंह भाजपा नेता बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। वे नयी दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर पहुंचे और विपक्षी पार्टी में शामिल हुए।
बृजेंद्र सिंह जब कांग्रेस में शामिल हो रहे थे उस दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन, दीपक बाबरिया और मुकुल वासनिक खड़गे के आवास पर मौजूद थे।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि नौकरशाह से नेता बने सिंह का हिसार से पार्टी का उम्मीदवार बनना तय माना जा रहा है।
ऐसा माना जा रहा है कि कुलदीप बिश्नोई के बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके टिकट कटने की अटकलें लगाई जा रही थीं, जिसको लेकर वह पार्टी से नाराज चल रहे थे। जैसे ही उन्हें इस बारे में भनक लगी, उन्होंने इस बारे में पार्टी आलाकमान से भी बात की, लेकिन बात बनती नहीं दिखाई दी, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
पिछले साल अक्टूबर में बीरेंद्र सिंह ने भाजपा को एक तरह से चेतावनी भरे अंदाज में कहा था कि अगर पार्टी ने जजपा (जननायक जनता पार्टी) के साथ अपना गठबंधन जारी रखा तो वह पद छोड़ देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जजपा हरियाणा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त है।
बृजेंद्र सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं और आईएएस की नौकरी छोड़कर उन्होंने राजनीति का सफर शुरू किया था। बृजेंद्र सिंह दिग्गज जाट नेता सर छोटू राम के प्रपौत्र हैं। ऐसी अटकले लगाई जा रही हैं कि उनके पिता भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो 10 वर्ष बाद बाप-बेटा दोनों कांग्रेस के साथ दिखाई देंगे।
2014 में बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद भाजपा ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाकर केंद्रीय इस्पात मंत्री भी बनाया था। उनकी पत्नी प्रेमलता को उचाना सीट से विधायक का टिकट मिला। 2019 में बृजेंद्र सिंह को हिसार से सांसद बने और अब 10 साल बाद परिवार कांग्रेस में वापसी कर रहा है।
कहा जा रहा है कि बीरेंद्र सिंह ने पिछले तीन महीने में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मुलाकातें की थी। इसके बाद सियासी अटकलें तेज हो गई थी कि वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
उनके पिता बीरेंद्र सिंह ने 1984 में हिसार लोकसभा में ओमप्रकाश चौटाला को हराया था, जिसके बाद वह सांसद बने थे। वह पांच बार उचाना से विधायक चुने गए थे और तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। 2022 तक वह राज्यसभा के भी सदस्य रहे।
आपको बता दें कि हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। हिसार से भाजपा के उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह 3,14,068 मतों से चुनाव जीते थे। उन्होंने जेजेपी के दुष्यंत चौटाला और भव्य बिश्नोई को हराकर इस सीट पर जीत हासिल की थी।